2025 की पहली छमाही में आईपीओ बाजार ने दिखाया दम, कंपनियों ने जुटाए 45,000 करोड़ रुपए से अधिक

  • Post By Admin on Jul 21 2025
2025 की पहली छमाही में आईपीओ बाजार ने दिखाया दम, कंपनियों ने जुटाए 45,000 करोड़ रुपए से अधिक

नई दिल्ली : भारतीय पूंजी बाजार के लिए साल 2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) खासा उत्साहजनक रहा है। आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) बाजार में जबरदस्त हलचल देखने को मिली और इस दौरान कंपनियों ने 45,351 करोड़ रुपए से अधिक की पूंजी जुटाई, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में करीब 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

यह उपलब्धि ऐसे समय में दर्ज हुई है जब वैश्विक बाजारों में आर्थिक अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव जारी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती, कम ब्याज दरें और नियंत्रण में रही खुदरा महंगाई (2.1%) ने इस रफ्तार को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी से अब तक रेपो रेट में कुल 1 प्रतिशत की कटौती की है, जिससे बाजार में तरलता बनी रही और निवेशक धारणा में सुधार हुआ।

कम संख्या, बड़ा फंड

दिलचस्प बात यह है कि इस बार कम कंपनियों ने आईपीओ लाए, लेकिन रकम ज्यादा जुटाई गई। जहां 2024 की इसी अवधि में 36 आईपीओ आए थे, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर 24 रही। इसका मतलब है कि कंपनियों ने बड़े आकार के इश्यू लाकर निवेशकों का विश्वास जीता।

मर्चेंट बैंकरों के मुताबिक, इस दौरान 67% आईपीओ प्रीमियम पर लिस्ट हुए और निवेशकों को औसतन 25% का रिटर्न मिला।

बड़ी कंपनियों की धमाकेदार एंट्री

इस छमाही में एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज, श्लॉस बैंगलोर, और एथर एनर्जी जैसी दिग्गज कंपनियों ने शेयर बाजार में लिस्टिंग की। इन कंपनियों के आईपीओ में फ्रेश इक्विटी के साथ-साथ ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल थे, जिसका उद्देश्य पूंजी विस्तार, कर्ज भुगतान और परिचालन जरूरतों को पूरा करना रहा।

सेबी के पास दोगुने मसौदे दाखिल

आईपीओ में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जनवरी-जून 2025 के दौरान भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को 118 कंपनियों से मसौदा पेश किया गया है, जो पिछले साल के 52 ड्राफ्ट की तुलना में दोगुने से भी अधिक है।

आगे क्या?

चॉइस कैपिटल एडवाइजर्स के सीईओ रतिराज टिबरेवाल के मुताबिक, “आगामी महीनों में महंगाई, ब्याज दरें और वैश्विक अस्थिरता जैसे जोखिमों में गिरावट की संभावना है, जिससे आईपीओ बाजार और मजबूती के साथ आगे बढ़ सकता है।”

2025 की शुरुआत ने आईपीओ बाजार को नई ऊंचाई दी है और यदि मौजूदा आर्थिक रुझान कायम रहते हैं, तो वर्ष की दूसरी छमाही में भी यह रफ्तार बरकरार रह सकती है।