ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर विवाद, हिमांगी सखी ने उठाए सवाल

  • Post By Admin on Jan 25 2025
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर विवाद, हिमांगी सखी ने उठाए सवाल

प्रयागराज : बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा द्वारा महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद एक विवाद उठ खड़ा हुआ है। किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि एक स्त्री को किन्नर अखाड़ा का महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया? उनका कहना है कि अगर किन्नर अखाड़े में हर वर्ग को महामंडलेश्वर बनाने की अनुमति दी जाएगी, तो फिर इस अखाड़े को “किन्नर” क्यों कहा जाता है?

ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े से जुड़ाव और दीक्षा

बॉलीवुड की हॉट एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़ा से दीक्षा ली और संन्यास की प्रक्रिया पूरी की। इस अवसर पर उनका नाम बदलकर श्री यामाई ममतानंद गिरि रखा गया। ममता कुलकर्णी ने अपने फिल्मी करियर से सालों पहले दूरी बना ली थी और अब उनका रुझान अध्यात्म की ओर हो गया है। ममता ने कहा कि उन्होंने इस दीक्षा के लिए 23 साल की कड़ी तपस्या की है और वह अब कभी बॉलीवुड में वापस नहीं लौटेंगी।

किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी की आपत्ति

हालांकि, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर किन्नर अखाड़े की प्रमुख महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, तो फिर एक स्त्री को महामंडलेश्वर बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी? उनका यह भी मानना है कि अगर इस तरह से किसी भी वर्ग को महामंडलेश्वर बनाया जा सकता है, तो अखाड़े का नाम “किन्नर” रखने का क्या मतलब रह जाता है?

हिमांगी सखी की आलोचना ने इस मुद्दे को और विवादित बना दिया है, क्योंकि किन्नर समाज का विशेष स्थान है और उन्हें अपनी पहचान से जुड़ी एक विशिष्ट व्यवस्था की आवश्यकता है।

ममता कुलकर्णी का बयान

ममता कुलकर्णी ने इस पर कहा, “मैं अपनी पूरी ज़िंदगी में कोई भी काम और अध्यात्मिक यात्रा अपने उद्देश्य से भटकने नहीं दूंगी। मेरे लिए इससे बड़ा सम्मान और कोई बात नहीं हो सकती कि मुझे अर्धनारेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के हाथों पट्टाभिषेक मिला है।”

ममता ने कहा कि अब वह धर्म के रास्ते पर चलेंगी और उन्होंने फिल्मों से पूरी तरह से तौबा कर लिया है। यह मामला तब से ही चर्चा में है, जब किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता को दीक्षा दी और उनकी पूजा अर्चना के बाद उनका नाम बदलकर “श्री यामाई ममतानंद गिरि” रखा।

इस विवाद के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या किन्नर समाज के प्रतीक इस अखाड़े में कोई अन्य महिला को महामंडलेश्वर का दर्जा दिया जा सकता है और क्या इससे किन्नर समाज की पहचान पर असर पड़ेगा।