तीन दिवसीय सृजनात्मक लेखन कार्यशाला का समापन, बच्चों ने किया स्वरचित रचनाओं का पाठ

  • Post By Admin on Jun 27 2024
तीन दिवसीय सृजनात्मक लेखन कार्यशाला का समापन, बच्चों ने किया स्वरचित रचनाओं का पाठ

मुजफ्फरपुर : किलकारी बिहार बाल भवन में आयोजित तीन दिवसीय सृजनात्मक लेखन कार्यशाला का समापन हो गया । इस अवसर पर बच्चों ने अपनी स्वरचित रचनाओं का पाठ कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक पूनम कुमारी ने बताया कि आकाश कुमार के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यशाला ने बच्चों के साहित्यिक कौशल को निखारा और उन्हें लेखन की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

कार्यशाला के समापन समारोह में सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी स्नेहा रानी ने बताया कि इस तीन दिवसीय कार्यशाला में बच्चों को कहानी लेखन, हाइकु, टांका, मुक्तछंद, और लयात्मक कविता जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक आकाश कुमार ने कविता के विभिन्न प्रकारों और उनके तत्वों को बच्चों को सरल उदाहरणों के माध्यम से समझाया। बच्चों ने समूह में कहानी निर्माण की गतिविधि में भाग लिया, जिससे उनकी कल्पनाशीलता और लेखन क्षमता का विकास हुआ।

कार्यशाला के अंतिम दिन बच्चों ने अपनी स्वयं की कहानियाँ और कविताएँ लिखीं और उन्हें पूरे आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत किया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत इन रचनाओं ने उनके आत्मविश्वास में वृद्धि की और उन्हें एक-दूसरे से प्रेरणा लेने का अवसर दिया। कठपुतली प्रशिक्षक सुनील सरला ने कहा कि आकाश कुमार की विशेषज्ञता और बच्चों की उत्सुकता ने इस कार्यशाला को सफल बनाया।

प्रमंडल संसाधन सेवी नेहा कुमारी ने बताया कि इस कार्यशाला ने न केवल बच्चों की लेखन क्षमता को निखारा बल्कि उन्हें साहित्य के प्रति एक नई दृष्टि और समझ भी प्रदान की। बच्चों ने न केवल नए साहित्यिक कौशल सीखे बल्कि उन्होंने अपने विचारों और भावनाओं को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने की कला में भी महारत हासिल की।

समापन समारोह में प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक पूनम कुमारी, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी स्नेहा रानी, प्रमंडल संसाधन सेवी नेहा कुमारी, कठपुतली प्रशिक्षक सुनील सरला, नामांकन प्रभारी सुजाता कुमारी, प्रशिक्षक रूपा पाठक, तन्नू प्रिया, मुस्कान कुमारी, अरुणिमा कुमारी, और राजीव कुमार उपस्थित थे। बच्चों द्वारा स्वरचित काव्य पाठ का संचालन विक्रम कुमार ने किया।

प्रशिक्षक आकाश कुमार और मुनटुन राज को बाल भवन किलकारी के बच्चों द्वारा बनाए गए गुलदस्ते और खिलौने भेंट कर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन सरस्वती देवी ने दिया।

कार्यशाला ने बच्चों के भीतर साहित्य के प्रति रुचि जगाने और उन्हें रचनात्मकता की दिशा में प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया।