भारत विभाजन की विभीषिका पर संगोष्ठी आयोजित
- Post By Admin on Aug 14 2024

मुजफ्फरपुर: रामवृक्ष बेनीपुरी महिला महाविद्यालय और विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित यह संगोष्ठी वास्तव में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कार्यक्रम था, जो भारत के विभाजन की विभीषिका पर केंद्रित था। कार्यक्रम में विभाजन के कारणों और उसके परिणामों पर गहन चर्चा की गई, जिसमें कई विद्वानों और गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार साझा किए।
मुख्य अतिथि श्रीमान रविशंकर ने अपने वक्तव्य में विभाजन के विनाशकारी परिणामों को रेखांकित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब सत्ता और व्यक्तिगत हित सर्वोपरि हो जाते हैं, तो उनका परिणाम अक्सर विभाजन जैसी विनाशकारी घटनाओं के रूप में सामने आता है। उनका दृष्टिकोण यह था कि विभाजन न केवल एक राजनीतिक घटना थी, बल्कि यह एक ऐसी त्रासदी थी जिसने सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को भी छिन्न-भिन्न कर दिया।
चंद्रमोहन खन्ना जी ने विश्व संवाद केंद्र की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह केंद्र सार्थक और सकारात्मक संवाद के माध्यम से इतिहास को बेहतर तरीके से समाज तक पहुंचाने का कार्य करता है। उनका यह विचार महत्वपूर्ण था कि संवाद और शिक्षा के माध्यम से ही हम विभाजन जैसी त्रासदियों से सीख सकते हैं और भविष्य में उन्हें रोकने के लिए तैयार हो सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. ममता रानी जी ने विभाजन के वर्तमान प्रभावों पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज भी विभाजन की विभीषिका के परिणाम समाज में देखे जा सकते हैं, और ऐसे में लोगों को एकजुट होकर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने एकजुटता और सामूहिक प्रयास की महत्ता पर जोर दिया, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. चेतना वर्मा द्वारा किया गया। उन्होंने सभी उपस्थित विद्वानों, छात्राओं और अतिथियों का आभार व्यक्त किया और इस महत्वपूर्ण विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उनके योगदान की सराहना की।
यह कार्यक्रम वास्तव में एक महत्वपूर्ण पहल थी, जिसने विभाजन की विभीषिका पर न केवल चर्चा की, बल्कि लोगों को एकजुटता और सामूहिकता की महत्ता से भी अवगत कराया। ऐसे कार्यक्रम न केवल ऐतिहासिक घटनाओं की समझ बढ़ाते हैं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य भी करते हैं, जिससे हम सभी एक बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए प्रेरित हो सकें।