विद्यालय रसोइयों ने निकाला आक्रोश मार्च, सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप
- Post By Admin on May 20 2025

मुजफ्फरपुर : बिहार विद्यालय रसोइया यूनियन (AIUTUC) की मुजफ्फरपुर जिला कमेटी के नेतृत्व में मंगलवार को रसोइयों ने अपनी मांगों को लेकर शहर में आक्रोश मार्च निकाला। खुदीराम बोस स्मारक स्थल से सुसज्जित जुलूस की शुरुआत हुई, जो कंपनी बाग, इमली चट्टी, रेलवे स्टेशन, सदर अस्पताल होते हुए समाहरणालय पहुंचा। वहाँ यह जुलूस सभा में तब्दील हो गया।
जुलूस के दौरान रसोइयों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम ₹26,000 मासिक वेतन लागू करने, रिटायरमेंट पर ₹5 लाख, नियमित 12 माह मानदेय, पेंशन, अवकाश, बकाया मानदेय का भुगतान और मृत रसोइयों के परिजनों को ₹4 लाख मुआवजा देने की मांग की। साथ ही, मध्यान्ह भोजन योजना को एनजीओ को देने की प्रक्रिया पर भी रोक लगाने की अपील की।
सभा को संबोधित करते हुए AIUTUC के जिला संयोजक दिनेश राम ने कहा, "महंगाई के इस दौर में मात्र ₹1650 प्रतिमाह (वह भी सिर्फ 10 माह) देना अमानवीय है। यह सभ्य समाज के मुंह पर तमाचा है। सरकार विकास के आंकड़े भले ही गिनाए, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बहुत अलग है।"
बिहार विद्यालय रसोइया यूनियन की जिला सचिव मोहर्रम खातून ने कहा, "सरकार 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' और 'महिला सशक्तिकरण' की बातें तो करती है, लेकिन सरकारी स्कूलों में काम करने वाली महिला रसोइयों को न्यूनतम वेतन भी नहीं देती। यह नीति पूरी तरह से महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण है।"
जिला उपाध्यक्ष रणजीत कुमार ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य किसी भी समाज की रीढ़ होती है और इन योजनाओं को सफल बनाने में रसोइयों की अहम भूमिका है, लेकिन उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है।
सभा की अध्यक्षता रणजीत कुमार ने की। कार्यक्रम को मोहर्रम खातून (जिला सचिव), अंजना देवी (मुरौल), गिरिजा देवी (मरवन), नुरैसा खातून (मीनापुर), मंजू देवी (मोतीपुर), जानकी देवी (कांटी), अनिल शाह (पारू) समेत कई नेताओं ने संबोधित किया।
सभा के अंत में रसोइयों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम एक स्मार-पत्र सौंपा।