समाजिक एकजुटता के बजाय, एकता के प्रति बढ़ते कदम

  • Post By Admin on Oct 05 2023
समाजिक एकजुटता के बजाय, एकता के प्रति बढ़ते कदम

जयपुर: दुर्घटना को सांप्रदायिक रंग न देने और असामाजिक तत्वों द्वारा चारदीवारी के बाजारों में लूटपाट के खिलाफ, जयपुर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले समृद्ध सामाजिक सांघर्ष का आयोजन हुआ। इसमें हजारों के संख्या में नागरिकों ने तेज धूप के बावजूद शांतिपूर्वक धरना दिया। भगवा ध्वज और तिरंगा झंडा लहराते हुए लोगों के समूह कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व ही सड़कों पर उतर आए। धरने में शामिल लोग तुष्टिकरण और आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई, समृद्धि, संस्कृति और महिला सम्मान की महत्वपूर्ण बातें जगाई। भारत माता और जय श्रीराम के नारों ने माहौल में जोश बढ़ाया।

कार्यक्रम का शुभारंभ संतों के उद्बोधन और देशभक्ति गीतों के साथ हुआ। मंच से पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और विधिक सहायता करने का ऐलान किया गया और सड़क दुर्घटनाओं के शिकार होने वाले और मॉब लिंचिंग के अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो पूरे जयपुर को बंद करने की चेतावनी दी गई। मुख्य वक्ता समाजसेवी हेमंत सेठिया ने कहा कि जयपुर में सामाजिक सौहार्द का वातावरण हमेशा से बना है। सभी समुदाय और वर्ग सदियों से मिलकर रहते आए हैं, लेकिन दूसरे शहरों और राज्यों से आने वाले लोग यहां का ताजगी को खराब कर रहे हैं। भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवंतु सुखिन: की ओर बढ़ने का सन्देश दिया गया कि यहां द्वेष और खून का बदला नहीं लिया जाएगा। मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध लोग ऐसे तत्वों को सही दिशा में प्रारूपित करें, उन्हें संस्कारित करें, और उनके लिए आकर्षित न होने दें। यह सभी के लिए अच्छा है। शांति और एकता सभी समुदायों और समाजों की साझा जिम्मेदारी है।

जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि व्यापारी समुदाय कभी भी कमजोर नहीं था। मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के बीच हुए झगड़ों के पश्चात उन्होंने सख्त राह दिखाई और संघर्ष करने वाले हिंदू युवाओं को स्वतंत्रता दिलाने के लिए उत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यदि जहरीली हत्या के आरोपियों को न्याय नहीं मिलता है, तो जयपुर को पूरी तरह से बंद करना अवश्य करेंगे।

गुर्जर समाज के देवनारायण गुर्जर ने कहा कि समाज को खराब करने वाले और ऐसे तत्वों को संरक्षण देने वाले लोगों को सबक सिखाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत के विभाजन और सनातन धर्म के विरोधी तत्वों को मिटाने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा। साथ ही, शहर में बिना आवाज के सांघर्ष करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।