गणपति महोत्सव को लेकर प्रेस वार्ता आयोजित
- Post By Admin on Sep 03 2023

मुजफ्फरपुर: जिला के आरडीएस कॉलेज प्रांगण में स्वराज्य पर्व व गणपति महोत्सव मेला का भव्य आयोजन किया जाएगा । इस संदर्भ में जानकारी देते हुए साहित्यकार डॉ. संजय पंकज ने प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों को संबंधित करते हुए कहा कि इस दस दिवसीय कार्यक्रम में पूरे देश के कई कलाकार व मुख्य अतिथि उपस्थित रहेंगे । इस महत्वपूर्ण आयोजन के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता की महत्वपूर्णता के प्रति जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम के द्वारा आधुनिक भारत के महान विचारक और स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की याद में गणपति उत्सव के पावन अवसर पर स्वराज्य पर्व का आयोजन किया गया है। यह 10 दिवसीय कार्यक्रम सितंबर के 19 से 28 तारीख तक चलेगा । कार्यक्रम की शुरुआत 17 सितंबर को कलश यात्रा के साथ शुरू किया जाएगा । इस कलश यात्रा में कोई भी महिला व लड़कियां शामिल हो सकती हैं । आयोजन समिति के द्वारा कलश यात्रा में शामिल होने के लिए संपर्क सूत्र 7050110001 जारी किया गया है। प्रेस वार्ता के दौरान आयोजन समिति के सह संयोजक अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा, स्वागताध्यक्ष अमर बाबू, सुगंध कुमार, रंजीत नारायण तिवारी, अखिलेश चन्द्र राय, सुनील कुमार, अमित कुमार, सकलदेव पासवान, सियाराम तिवारी, गणेश प्रसाद सिंह समेत दर्जनों लोग उपस्थित रहे ।
इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर की नृत्यांगना डॉ. पूनम शर्मा का आना सुनिश्चित हुआ है । कार्यक्रम महोत्सव के उद्घाटन में 19 सितंबर को गीता श्लोक पर उनकी 21 सदस्यीय टीम के द्वारा अतुलनीय नृत्य प्रदर्शन किया जाएगा । वहीं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल कोश्यारी व पंजाब में पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे । दिनकर जयंती की पूर्व संध्या पर 22 सितम्बर को राष्ट्रीय कवि सम्मेलन और 23 को दिनकर संवाद के साथ ही रात्रि में रश्मिरथी का मंचन प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं प्रसिद्ध रंगकर्मी मुजीब खान (मुंबई) के निर्देशन में प्रेमचंद की कथा कृतियां के साथ अन्य नाटकों की प्रस्तुति होगी ।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के सभी वर्ग के लोग को एकजुट करना व उनको धर्म से जोड़ना मात्र ही नहीं है । अपितु अपने राष्ट्र को विश्व पटल पर सर्व धर्म समभाव के रूप में उकेरित करना है ।
स्वराज्य पर्व: एक समृद्ध और विविधता भरे कार्यक्रम की एक नजर
स्वराज्य पर्व के दौरान आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर पुस्तक मेला का भी आयोजन किया गया है। इस पुस्तक मेले के माध्यम से लोगों को विभिन्न विषयों पर पुस्तकों की विविधता का परिचय मिलेगा और उनकी रुचि को बढ़ावा मिलेगा। यह मेला ज्ञान के स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाएगा।
इसके साथ ही, स्वराज्य पर्व के दौरान आयोजित होने वाले भव्य गणेश पूजन में भाग लेने से लोग धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को मान्यता देंगे। गणेश पूजन के माध्यम से हम अपने परंपरागत मूल्यों को याद करते हैं और उन्हें अपने जीवन में अपनाने का प्रतिबद्ध रहते हैं।
स्वराज्य, एकता, और समरसता के प्रतीक: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
स्वराज्य पर्व का आयोजन लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की याद में किया गया है, जिन्होंने गणपति उत्सव को एकता और सामाजिक समरसता के प्रतीक के रूप में शुरू किया था। उनका मानना था कि भारतीय समाज को एक मजबूत एकता की आवश्यकता है और इसके लिए सभी वर्गों को समानता के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने स्वराज्य, एकता, और समरसता के महत्व को प्रमोट किया और लोगों को इन मूल्यों के प्रति उत्साहित किया।
समाज में एकता और समरसता की महत्वपूर्णता
स्वराज्य पर्व के आयोजन से श्रद्धालुओं को यह संदेश मिला है कि एकता और समरसता ही समाज के विकास और समृद्धि की कुंजी हैं। इसके माध्यम से लोग समाज में अलगाव को दूर कर एक बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने का संकल्प लेते हैं। स्वराज्य, एकता, और समरसता के महत्व को समझकर वे अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के प्रति प्रेरित होते हैं।
स्वराज्य पर्व के माध्यम से समृद्धि की दिशा में कदम
स्वराज्य पर्व के द्वारा मुजफ्फरपुर के आरडीएस कॉलेज प्रांगण में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता हमारे समाज के मूल मूल्य हैं। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की याद में आयोजित इस पावन अवसर पर लोगों ने समाज में एकता और समरसता की महत्वपूर्णता को समझकर एक सजीव उदाहरण के रूप में अपना योगदान देने का आशा प्रकट की है। स्वराज्य, एकता, और समरसता के महत्व को ध्यान में रखते हुए हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाकर समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।