मोक्षदा एकादशी व अनन्त लाल सिंह की जयंती पर हरियाली का संकल्प

  • Post By Admin on Dec 01 2025
मोक्षदा एकादशी व अनन्त लाल सिंह की जयंती पर हरियाली का संकल्प

जयपुर : मोक्षदा एकादशी व्रत और क्रांतिकारी अनन्त लाल सिंह की जयंती के अवसर पर जयपुर महानगर स्थित अमरूदी बाग मैदान परिसर में देव वृक्ष बरगद (वट-वृक्ष) का पौधारोपण किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व पर्यावरण प्रहरी अनुज कुमार यादव और श्रीनिवास कुमार ने किया।

दक्षिण बिहार प्रांत संयोजक एवं पर्यावरण भारती के संस्थापक राम बिलास शाण्डिल्य ने पौधारोपण के दौरान कहा कि जयपुर महानगर में वृक्षों की संख्या निरंतर घट रही है। उन्होंने बताया कि कभी अमरूदी बाग में हजारों अमरूद के पेड़ थे, लेकिन आज यह क्षेत्र पूरी तरह विरान हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि शहरों में कंक्रीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं, जबकि प्राकृतिक ऑक्सीजन की उपलब्धता कम होती जा रही है।
कोविड-19 महामारी को याद करते हुए शाण्डिल्य ने कहा कि जंगलों की अंधाधुंध कटाई के कारण ऑक्सीजन की कमी से अनेक लोगों को जान गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि धरती पर कम से कम 33% वन क्षेत्र अनिवार्य है, जबकि वर्तमान में यह केवल 15% ही बचा है, जिसके कारण विश्वभर में प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ रही हैं—श्रीलंका में समुद्री चक्रवात और दक्षिण भारत में भारी बारिश इसका उदाहरण हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि अपने घरों के आसपास कम से कम 10 पेड़ लगाकर 5 वर्ष तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें, क्योंकि प्रकृति संरक्षण का कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

शाण्डिल्य ने मोक्षदा एकादशी के धार्मिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन व्रत, उपवास, पूजा एवं गीता पाठ करने की परंपरा है। उन्होंने कहा कि ऐसे पवित्र अवसर पर देव वृक्ष बरगद का पौधारोपण अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।

जयपुर महानगर कार्यवाह दुर्गेश खंडेलवाल ने क्रांतिकारी अनन्त लाल सिंह की जीवन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत अंग्रेजी शासन से मुक्ति के लिए महापुरुषों की भूमि रहा है। अनन्त लाल सिंह (जन्म: 1 दिसंबर 1903, चटगाँव) चटगाँव के पुलिस व सैनिक शस्त्रागार पर हमले के बाद अंडमान की सेल्युलर जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगतते रहे। 1946 में उनकी रिहाई हुई और 1979 में उनका निधन हो गया। उन्होंने कहा कि ऐसे क्रांतिकारियों का स्मरण समाज को प्रेरणा देने वाला कार्य है।

पौधारोपण कार्यक्रम में श्री दुर्गेश खंडेलवाल, श्री आशीष गोयल, श्रीमती कृष्णा गोयल, शिवाय गोयल, पर्यावरण प्रहरी श्रीनिवास गौड़, अनुज कुमार यादव, पर्यावरण प्रांत संयोजक राम बिलास शाण्डिल्य सहित कई पर्यावरण प्रेमियों ने भाग लिया।