चैत्र नवरात्र और राष्ट्रीय समुद्री दिवस पर पर्यावरण भारती द्वारा नारियल के पौधों का रोपण

  • Post By Admin on Apr 05 2025
चैत्र नवरात्र और राष्ट्रीय समुद्री दिवस पर पर्यावरण भारती द्वारा नारियल के पौधों का रोपण

जमुई : चैत्र नवरात्र और राष्ट्रीय समुद्री दिवस के पावन अवसर पर पर्यावरण भारती द्वारा नारियल के तीन पौधे लगाए गए। यह पौधारोपण कार्यक्रम नगर परिषद अंतर्गत मातृत्व सेवा सदन परिसर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का नेतृत्व पर्यावरण भारती की नारी शक्ति प्रांत टोली सदस्य एवं जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी सिंह ने किया।

पौधारोपण के दौरान उपस्थित पर्यावरण भारती के संस्थापक और पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि, "ग्लोबल वार्मिंग, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं का मुख्य कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई है। म्यांमार में हालिया भूकंप से 3,000 से अधिक जानें गईं। हमें इन आपदाओं से बचने के लिए अधिकाधिक वृक्षारोपण करना होगा और प्लास्टिक प्रदूषण पर नियंत्रण पाना होगा।"

उन्होंने बताया कि दुनिया भर में हर वर्ष 430 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसका बड़ा हिस्सा समुद्र में समा जाता है और यह समस्त जीव-जंतुओं और मानव जाति के लिए खतरा बन चुका है। प्रोफेसर राम जीवन साहू ने बताया कि 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत की समुद्री ताकत और व्यापारिक इतिहास को याद किया जाता है। 5 अप्रैल 1919 को भारत के पहले स्वदेशी जहाज ने मुंबई से लंदन के लिए व्यापारिक यात्रा की थी। इस ऐतिहासिक दिन को चिन्हित करते हुए 1964 से यह दिवस मनाया जाता है। 2025 का थीम है: "समुद्री क्षेत्र में हरित परिवर्तन को एक स्थायी भविष्य में समर्थन देने की आवश्यकता"।

चैत्र नवरात्र के धार्मिक महत्व पर चर्चा करते हुए राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा, "माता दुर्गा की पूजा दरअसल प्रकृति की पूजा है। छठ पर्व, सूर्योपासना का प्रतीक है और भारतीय संस्कृति में प्रकृति पूजन की गहरी परंपरा रही है। भगवान श्रीराम का जन्म भी चैत्र नवमी को हुआ था, जिन्हें मर्यादापुरुषोत्तम कहा जाता है। इस दिन भारत के कोने-कोने में शोभायात्राओं का आयोजन होता है।" डॉ. शालिनी सिंह ने कहा कि नारियल का पौधारोपण धार्मिक रूप से भी शुभ माना जाता है, खासकर दुर्गा पूजा के अवसर पर। यह पर्यावरणीय दृष्टि से भी लाभकारी है, क्योंकि नारियल का पेड़ ऑक्सीजन देने के साथ-साथ बहुउपयोगी भी होता है।

पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लेने वालों में प्रोफेसर राम जीवन साहू, डॉ. वीणा सिंह, डॉ. शालिनी सिंह, राम बिलास शाण्डिल्य, रानी हेम्ब्रम, सोनी कुमारी, पूजा कुमारी, रूसिल कुमारी, आरूषि कुमारी, सौरभ कुमार आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।