जीएनआईओटी द्वारा शिक्षाविद सम्मान समारोह आयोजित, 400 से अधिक शिक्षाविद हुए सम्मानित
- Post By Admin on Jun 14 2025

ग्रेटर नोएडा : शिक्षा जगत को समर्पित एक ऐतिहासिक पल में, जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, ग्रेटर नोएडा द्वारा शुक्रवार को "शिक्षाविद् सम्मान समारोह" का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद एवं आसपास के क्षेत्रों से आए 400 से अधिक शिक्षाविदों को उनके शैक्षणिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गौतमबुद्धनगर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर आईपीएस डॉ. राजीव नारायण मिश्रा ने शिक्षकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "शिक्षाविद समाज की नींव होते हैं। नई पीढ़ी के निर्माण में उनका योगदान अतुलनीय है। इस प्रकार के आयोजनों से उन्हें नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।"
पूर्व राज्यमंत्री डॉ. अरविंद राजभर ने कहा, "समाज का विकास शिक्षाविदों के बिना अधूरा है। इनका सम्मान केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि नैतिक जिम्मेदारी है।"
इस अवसर पर भाजयुमो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय अध्यक्ष सुखविंदर सोम ने शिक्षा क्षेत्र में नवाचार की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि "शिक्षकों का योगदान समाज में बदलाव लाने वाला है और उन्हें निरंतर प्रोत्साहन की जरूरत है।"
संस्था के चेयरमैन डॉ. राजेश कुमार गुप्ता ने कहा, "शिक्षकों का सम्मान समाज की समृद्धि का प्रतीक है और हमारा संस्थान भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के माध्यम से शिक्षाविदों को सम्मानित करता रहेगा।"
जीआईएमएस संस्थान के सीईओ स्वदेश कुमार सिंह ने सभी आगंतुक शिक्षाविदों का आभार जताते हुए भरोसा दिलाया कि संस्थान शिक्षा जगत से जुड़े सभी लोगों के सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती वंदना के साथ हुई। समस्त अतिथियों का पौधा और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया। समारोह में जीआईएमएस के निदेशक डॉ. भूपेंद सोम ने शिक्षकों की बदलती भूमिका और संस्थान की उपलब्धियों पर विस्तृत जानकारी दी।
गौतमबुद्धनगर जिला पंचायत सदस्य देवा भाटी ने कहा कि यह समारोह केवल शिक्षकों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
कार्यक्रम में भाजयुमो प्रदेश सह कोषाध्यक्ष नरेन्द्र भाटी, समाजसेवी, शिक्षाविद व अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे। सभी शिक्षकों को संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया, जिसे उपस्थित शिक्षाविदों ने हर्ष और गर्व के साथ स्वीकार किया।
कार्यक्रम के अंत में यह आश्वासन दिया गया कि भविष्य में भी ऐसे प्रेरणादायी आयोजनों की पुनरावृत्ति की जाएगी।