भारतीय नव वर्ष के आगमन पर पर्यावरण भारती ने किया पौधारोपण

  • Post By Admin on Mar 29 2025
भारतीय नव वर्ष के आगमन पर पर्यावरण भारती ने किया पौधारोपण

जमुई: भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत 2082 के शुभारंभ के अवसर पर पर्यावरण भारती द्वारा विशेष पौधारोपण अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व नारी शक्ति प्रांत टोली सदस्य व प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी सिंह ने किया।

कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण भारती के संस्थापक एवं पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक राम बिलास शांडिल्य ने वृक्षारोपण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर के आसपास कम से कम 10 पेड़ अवश्य लगाने चाहिए और उन्हें पांच वर्षों तक सुरक्षित रखना चाहिए। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग और प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र करते हुए बताया कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण ही पृथ्वी पर आपदाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने पड़ोसी देश म्यांमार में आए भीषण भूकंप का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें 144 लोगों की जान चली गई और 732 लोग घायल हुए। उन्होंने वृक्षारोपण को एकमात्र समाधान बताया और कहा कि विज्ञान के पास इसका कोई अन्य विकल्प नहीं है।

शांडिल्य ने प्राचीन ग्रंथों का उल्लेख करते हुए कहा कि अथर्ववेद में बताया गया है— "माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या:" अर्थात यह धरती हमारी माता है और हम इसके पुत्र हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपनी धरती की रक्षा के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाए।

विक्रम संवत 2082 का शुभारंभ 30 मार्च 2025 से हो रहा है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही भारतीय नव वर्ष मनाया जाता है, जिसे हिंदू नव वर्ष और सनातनी नव वर्ष भी कहा जाता है। यह अंग्रेजी नव वर्ष से 57 वर्ष पहले शुरू हुआ था। भारत में सभी मांगलिक कार्य विक्रम संवत के अनुसार ही संपन्न होते हैं। इस संवत की स्थापना चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने विदेशी शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में की थी।

इतिहासकारों के अनुसार, ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी। भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक, महाभारत काल में धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक, तथा युधिष्ठिर संवत की शुरुआत भी इसी तिथि से मानी जाती है। नेपाल में आज भी राजकीय कार्य विक्रम संवत के आधार पर होते हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं घटी हैं— आर्य समाज की स्थापना, संत झूलेलाल जी का जन्म, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म भी इसी दिन हुआ था। ऐसे अवसर पर पौधारोपण न केवल एक पुनीत कार्य है बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

पर्यावरण भारती के इस विशेष पौधारोपण अभियान में डॉ. शालिनी सिंह, डॉ. वीणा सिंह, राम बिलास शांडिल्य, रानी हेम्ब्रम, विमल प्रसाद, मनीष कुमार सहित कई समाजसेवी एवं पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे।