बिहार में कथा के दौरान रोने लगे पंडित धीरेंद्र शास्त्री
- Post By Admin on Mar 12 2025

गोपालगंज : हाल ही में आयोजित हनमुंत कथा के दौरान आचार्य धीरेंद्र शास्त्री, जिन्हें बाबा बागेश्वर के नाम से भी जाना जाता है, बेहद भावुक नजर आए। लाखों भक्तों की भीड़ के बीच पांच दिनों तक चली इस कथा के अंतिम दिन बाबा बागेश्वर ने समाज में एकता और सद्भावना की अपील की और सनातन धर्म के अनुयायियों को जात-पात से ऊपर उठकर एक होने का संदेश दिया। इस दौरान बाबा बागेश्वर ने हिंदू राष्ट्र की मांग को भी जोर-शोर से उठाया।
भावुक होकर याद किए बचपन के दिन
कथा के दौरान जब आचार्य धीरेंद्र शास्त्री अपने बचपन के कठिन दिनों को याद कर रहे थे, तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने गरीब और अमीर के बीच अंतर को लेकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और कहा, “हमने वो दिन झेले हैं। हमारे पिताजी को कोई शादी में नहीं बुलाता था। शादी के कार्ड में उनका नाम तक नहीं लिखते थे, क्योंकि हम गरीब थे।”
मां के आशीर्वाद को याद करते हुए दिया संदेश
अपने बचपन के संघर्षों को याद करते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा, “लोग सोचते थे कि अगर हम फटे कपड़े पहनकर जाएंगे तो उनकी इज्जत चली जाएगी, लेकिन मेरी मां हमेशा कहती थी, ‘तुम श्रीराम को कभी मत छोड़ना, हमारे अच्छे दिन आएंगे।’” इस संदेश के जरिए उन्होंने बिहार के लोगों से कहा कि गरीब होने पर भी उन्हें निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि भगवान की कृपा से एक दिन ऐसा आएगा जब वे दूसरों की मदद करने में सक्षम होंगे।
राम भक्ति की दी सलाह
आचार्य शास्त्री ने कथा के दौरान राम भक्ति की अहमियत पर जोर दिया और कहा, “जिस पर कृपा राम की हो, उस पर सब कृपा करते हैं। अगर जगत रूठ जाए और भगवान ना रूठे, तो कोई तुम्हारा बाल भी बांका नहीं कर सकता। लेकिन अगर भगवान ही तुमसे रूठे हैं, तो फिर कोई तुम्हारी मदद नहीं कर सकता।” इस विचार को साझा करते हुए उन्होंने भक्तों से राम की भक्ति में ध्यान और विश्वास रखने की अपील की।
बाबा बागेश्वर का यह संदेश न केवल उनके भक्तों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, जिससे हर व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और अपने धर्म के प्रति सच्ची निष्ठा बनाए रखने की प्रेरणा मिली।