शिक्षा घोटाले पर विपक्ष ने प्रशासन पर लगाया मिलीभगत का आरोप, गठित की 17 सदस्यीय जांच कमेटी
- Post By Admin on Apr 23 2025

लखीसराय : शिक्षा विभाग में हुए कथित घोटाले को लेकर विपक्षी दलों ने जिला प्रशासन पर बड़ा हमला बोला है। बुधवार को चितरंजन रोड स्थित कांग्रेस जिला कार्यालय में महागठबंधन की एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई, जिसमें जिला प्रशासन की निष्क्रियता और घोटालेबाजों को बचाने के आरोप लगाए गए। इस दौरान विपक्ष ने कटाक्ष करते हुए कहा कि "दूध की रखवाली का जिम्मा बिल्ली को दे दिया गया है।"
महागठबंधन ने बैठक में सर्वसम्मति से 17 सदस्यीय संयुक्त विपक्षी जांच कमेटी का गठन किया। यह कमेटी 29 अप्रैल को जिलाधिकारी से मुलाकात कर शिक्षा घोटाले में अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी लेगी और आगे की रणनीति तय करेगी।
विपक्षी नेताओं का कहना है कि जिला प्रशासन शिक्षा माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में लगा है। उन्होंने शिक्षा विभाग की डीपीओ दीप्ति कुमारी को दी गई स्थापना, योजना और लेखा की जिम्मेदारी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि उन्हीं के प्रभार में समग्र शिक्षा योजना के तहत घोटाले की साजिश रची गई थी। इतना ही नहीं, घोटाले के मुख्य संवेदक हिमांशु की फाइल भी गायब हो गई है, जिससे सबूत मिटाने की कोशिशें जाहिर होती हैं।
महागठबंधन ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन स्थानीय विधायक और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के दबाव में काम कर रहा है। नेताओं का दावा है कि उपमुख्यमंत्री के रिश्तेदार शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और मनरेगा जैसी योजनाओं में संगठित तरीके से लूट मचाए हुए हैं, जिसमें कुछ अधिकारियों की भी संलिप्तता है।
बैठक में 'हर घर नल से जल' और वृक्षारोपण योजना में भी घोटाले की बात उठाई गई। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग और बिजली-पानी योजनाओं में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है, लेकिन जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
बैठक की अध्यक्षता पूर्व भाकपा माले नेता चन्द्र देव यादव ने की। गठित कमेटी में भाकपा के जितेंद्र कुमार (संयोजक), राजद नेता भगवान यादव (सह-संयोजक), कांग्रेस जिलाध्यक्ष अमरेश कुमार अनिश, अरविंद साव, जय किशोर यादव, राज कुमार पासवान, कालीचरण दास, पूर्व विधायक फुलेना सिंह, प्रेम सागर चौधरी, हर्षित यादव, रजनीश कुमार, शंकर राम, मोती साव, शिवानंद पंडित, सुनील विंद, पवन विंद जैसे नेताओं को शामिल किया गया।
महागठबंधन ने मांग की है कि शिक्षा विभाग में हुए घोटाले की जांच राज्य स्तरीय सक्षम प्राधिकार से कराई जाए। साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो, ताकि जिले में शिक्षा व्यवस्था की साख बहाल हो सके।