अब सिर्फ डी. फार्मा वाले ही बनेंगे सरकारी फार्मासिस्ट, पटना हाई कोर्ट का बड़ा आदेश
- Post By Admin on Apr 11 2025

पटना: हाई कोर्ट ने सरकारी फार्मासिस्ट की बहाली को लेकर चल रहे विवाद पर बड़ा फैसला सुनाया है। गुरुवार को जारी इस निर्णय में अदालत ने साफ कर दिया कि बिहार सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता, यानी "डिप्लोमा इन फार्मेसी (D. Pharma)" ही फार्मासिस्ट पद के लिए मान्य होगी। इसका मतलब यह है कि अब केवल D. Pharma डिग्रीधारक ही इस पद के लिए पात्र माने जाएंगे।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने यह फैसला बी. फार्मा और एम. फार्मा डिग्रीधारकों की ओर से दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुनाया। याचिकाकर्ताओं ने अदालत के समक्ष यह दलील दी थी कि बी. फार्मा और एम. फार्मा, डी. फार्मा की तुलना में उच्च योग्यता की डिग्रियां हैं, ऐसे में उन्हें आवेदन से वंचित किया जाना न्यायसंगत नहीं है।
हालांकि अदालत ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि डिप्लोमा और डिग्री कोर्स की प्रकृति, उद्देश्य और कार्यक्षेत्र अलग-अलग हैं। डी. फार्मा का पाठ्यक्रम खास तौर पर सरकारी अस्पतालों और दवा वितरण से संबंधित सेवाओं के लिए बनाया गया है, जबकि बी. फार्मा और एम. फार्मा का फोकस औद्योगिक व अनुसंधान कार्यों पर होता है।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के 2015 के रेगुलेशन में दोनों योग्यताओं को मान्यता दी गई है, लेकिन राज्य सरकार को अपने पदों की प्रकृति के अनुसार उपयुक्त योग्यता तय करने का पूरा अधिकार है। जब तक राज्य सरकार इन नियमों में संशोधन नहीं करती, तब तक बी. फार्मा और एम. फार्मा धारकों को तभी पात्र माना जाएगा जब उनके पास डी. फार्मा की न्यूनतम योग्यता भी हो।
पटना हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद हजारों बी. फार्मा और एम. फार्मा डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को झटका लगा है, वहीं डी. फार्मा धारकों के लिए यह खबर राहत की तरह सामने आई है।