सावित्रीबाई फूले की 194वीं जयंती पर नई शिक्षा नीति पर हुई चर्चा 

  • Post By Admin on Jan 03 2025
सावित्रीबाई फूले की 194वीं जयंती पर नई शिक्षा नीति पर हुई चर्चा 

मोतिहारी : भारतीय चमार महासंघ (BCM) के तत्वावधान में डॉ. अम्बेडकर भवन मोतिहारी में आज सावित्रीबाई फूले की 194वीं जयंती के अवसर पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विषय “नई शिक्षा नीति का अभिवंचित वर्ग बच्चों पर प्रभाव” था। कार्यक्रम में शिक्षा नीति और इसके वंचित वर्ग पर पड़ने वाले प्रभावों पर गहरी चर्चा की गई।

कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के प्रदेश महासचिव और मानवाधिकार एक्टिविस्ट विद्यानंद राम ने किया। उन्होंने माता सावित्रीबाई फूले के तैल चित्र पर पुष्पमालाएं अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने माता फूले के योगदान और उनके द्वारा समाज में महिलाओं और अभिवंचित वर्गों के लिए शिक्षा के दरवाजे खोलने की अहमियत पर प्रकाश डाला।

मुख्य वक्ताओं के विचार

कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय चमार महासंघ (BCM) के राष्ट्रीय सह-संयोजक पारसनाथ अम्बेडकर ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सरकार की नई शिक्षा नीति समाज के गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए अनुकूल नहीं है। पारसनाथ ने विशेष रूप से शिक्षण सामग्री पर GST लागू किए जाने पर चिंता व्यक्त की और इसे वंचित वर्गों के लिए एक बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने शिक्षण सामग्री को GST से मुक्त करने की अपील की।

नई शिक्षा नीति पर आलोचनाएं

कार्यक्रम में उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी नई शिक्षा नीति की आलोचना की और इसे गरीब और दलित विरोधी बताया। उपेन्द्र कुमार भारती, रामजी बौद्ध, शंभूशरण अकेला, सुधीर राम, हरेंद्र राम, विक्रम कुमार जैसे प्रमुख नेताओं ने अपनी बात रखी। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की यह नीति अभिवंचित वर्ग के बच्चों के लिए अनुकूल नहीं है और इसके कारण शिक्षा के क्षेत्र में असमानताएं बढ़ सकती हैं।

सम्पूर्ण देश में एकल और निशुल्क शिक्षा पद्धति की मांग

सभी वक्ताओं ने पूरे देश में एकल और अनिवार्य शिक्षा पद्धति लागू करने की मांग की, ताकि सभी बच्चों को बिना किसी भेदभाव के शिक्षा मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के गरीब और दलित वर्ग के बच्चों को समान अवसर देने के लिए निशुल्क शिक्षा प्रणाली को अपनाना बेहद जरूरी है।

कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख शख्सियतें

इस अवसर पर मुख्य रूप से उपेन्द्र कुमार भारती उर्फ उगम राम, रामजी बौद्ध, शंभूशरण अकेला, सुधीर राम, हरेंद्र राम, उपेंद्र राम, विक्रम कुमार, गुड्डू कुमार, राजीव राम, डॉ. विनय कुमार, अजीत सरकार, गोकर्ण राम, दीना चौरसिया, मो. अली बेग, अम्बेडकर कल्याण समिति के छात्र मिथिलेश कुमार पासवान, रंधीर कुमार राम, अमन कुमार, राजेश कुमार, चुन्नू कुमार, मंजीत कुमार बैठा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का संचालन BCM संस्थापक सदस्य किरण राम ने किया। जिन्होंने कार्यक्रम के अंत में सभी वक्ताओं का धन्यवाद किया और इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन के महत्व को उजागर किया।