किलकारी में नृत्य प्रशिक्षण से प्रशिक्षक बनने तक अमन का सफर रहा शानदार

  • Post By Admin on Jun 11 2024
किलकारी में नृत्य प्रशिक्षण से प्रशिक्षक बनने तक अमन का सफर रहा शानदार

मुजफ्फरपुर : बिहार बाल भवन किलकारी के जिला स्कूल छात्रावास परिसर में वेस्टर्न डांस का प्रशिक्षण दे रहे अमन कुमार का सफर किलकारी बाल केन्द्र रोहुआ से शुरू होकर अब जिला स्कूल के किलकारी परिसर तक आ पहुंचा है। सरस्वती बिहार कॉलोनी, कन्हौली, मुजफ्फरपुर निवासी अमन कुमार, जिनके माता-पिता लक्ष्मण रजक और रिंकू देवी ने बचपन से ही उनकी कला में रुचि को प्रोत्साहित किया, अब मुजफ्फरपुर में नृत्य जगत में एक प्रतिष्ठित नाम बन गए हैं।

अमन कुमार ने किलकारी बाल केन्द्र रोहुआ में लगभग पांच साल तक नृत्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने वहीं दो साल तक प्रशिक्षण दिया और अब पिछले छह महीने से जिला स्कूल के छात्रावास परिसर स्थित किलकारी में वेस्टर्न डांस सिखा रहे हैं। अमन का मानना है कि "नृत्य मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन है," और वे नृत्य प्रशिक्षक के रूप में बच्चों को इस कला के विभिन्न आयाम सिखा रहे हैं।

प्रमंडल संसाधनसेवी नेहा कुमारी के अनुसार, "बच्चों की सृजनात्मकता को नया आयाम देने के लिए नियमित रूप से प्रमंडल बाल भवन में कला प्रशिक्षण का कार्य होता रहता है।" जिला स्कूल छात्रावास में किलकारी में बच्चों के लिए संगीत, नृत्य, मेहंदी, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों, आर्ट एंड क्राफ्ट, चित्रकला आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जहां 8 से 14 वर्ष के बच्चे नि:शुल्क नामांकन करा सकते हैं।

प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक पूनम कुमारी ने बताया कि "बिहार बाल भवन किलकारी में नाटक प्रशिक्षण राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (सिक्किम) के सुमित ठाकुर के निर्देशन में आयोजित किया जा रहा है, जिसका प्रदर्शन 14 जून को होगा।" नाटक "द डार्क सिटी" के लिए लगभग 50 बच्चे अपनी कला कौशल का प्रदर्शन करेंगे। इस नाटक की तैयारी में बच्चे कॉस्ट्यूम डिजाइन, संगीत, और नृत्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं।

कठपुतली कला प्रशिक्षक सुनील सरला ने बताया कि "बच्चों के लिए इस तरह के प्रशिक्षण से उनकी सृजनात्मक क्षमताओं का विकास होता है।" नाटक की तैयारी के साथ-साथ, बच्चों की उत्सुकता और उनकी कला में रुचि देखकर यह स्पष्ट है कि इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों के मनोवैज्ञानिक और रचनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

अमन के माता-पिता का योगदान इस यात्रा में उल्लेखनीय है। उनकी रुचि और समर्थन ने अमन को कला में अपनी पहचान बनाने का अवसर दिया। अमन का यह सफर प्रेरणादायक है और यह दर्शाता है कि सही प्रोत्साहन और प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों में छिपी प्रतिभाओं को निखारा जा सकता है।

किलकारी में चल रही इन गतिविधियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने न केवल बच्चों को सृजनात्मक रूप से समृद्ध किया है, बल्कि उन्हें कला के विभिन्न रूपों में उत्कृष्टता प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान किया है। अमन कुमार जैसे प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में, बच्चे अपने कौशल को निखार रहे हैं और कला के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं। किलकारी में बच्चों की सृजनात्मकता को पोषित करने का यह प्रयास न केवल बच्चों के लिए फायदेमंद है, बल्कि समाज के लिए भी एक सकारात्मक संदेश है कि सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के माध्यम से बच्चे अद्भुत उपलब्धियाँ हासिल कर सकते हैं।