बाल भवन किलकारी की चमक बनीं रौशनी
- Post By Admin on Jun 11 2024

मुजफ्फरपुर : बिहार बाल भवन किलकारी में चल रही "द डार्क सिटी" नाटक की तैयारियों के बीच एक प्रतिभाशाली कलाकार रौशनी ने सबका ध्यान खींचा है। कमजोर शारीरिक बनावट के बावजूद, रौशनी ने न केवल मंच पर अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति से, बल्कि नाटक में कॉस्ट्यूम डिजाइन और क्राफ्ट कार्यों में भी अपनी उल्लेखनीय क्षमता से सबको प्रभावित किया है।
रौशनी की खनकती आवाज़ और मंच पर उनकी सक्रियता ने उन्हें नाटक "द डार्क सिटी" का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है। आर्ट एंड क्राफ्ट प्रशिक्षक राजीव कुमार का कहना है, "रौशनी की शारीरिक कमजोरी कभी भी उसकी कला में बाधा नहीं बनी। वह मंच पर अपनी भूमिका में पूरी निष्ठा से डूबी रहती है और कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग में भी उसके काम की सराहना हो रही है।"
रौशनी की रचनात्मकता केवल नाटक तक सीमित नहीं है। वह विभिन्न प्रकार की अपशिष्ट सामग्रियों जैसे अखबार, कार्टून, प्लास्टिक की बोतलें, ऊन, कार्डबोर्ड और प्रयुक्त पेन से सुंदर और उपयोगी वस्तुएँ तैयार कर रही हैं। राजीव कुमार बताते हैं, "रौशनी के कौशल के कारण, हमने देखा कि वह बिना किसी झिझक के रंग-बिरंगे फूलों, फूलों के बर्तन, फोटो फ्रेम, और अन्य सामग्रियाँ तैयार कर सकती हैं। उसकी कला में एक अनूठी स्वाभाविकता है जो बच्चों के लिए प्रेरणादायक है।"
"द डार्क सिटी" नाटक की तैयारियों के दौरान, किलकारी में बच्चों के बीच रचनात्मक गतिविधियाँ जोरों पर हैं। प्रमंडल संसाधनसेवी नेहा कुमारी ने बताया, "बच्चों की सृजनात्मकता को पोषित करने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। रौशनी जैसी प्रतिभाशाली बच्चों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के माध्यम से किस प्रकार बच्चों की क्षमताओं का विकास किया जा सकता है।"
रौशनी का नाटक में प्रदर्शन न केवल उसकी अभिनय क्षमता को दर्शाता है, बल्कि उसकी समर्पण और मेहनत को भी सामने लाता है। मंचीय प्रस्तुतियों में उसकी मेहनत, उसके अभिनय को और भी प्रभावशाली बनाती है। किलकारी के नाटक के साथ उसकी कला यात्रा भी उसके आत्मविश्वास को मजबूत बना रही है।
बिहार बाल भवन किलकारी में आगामी 14 जून को "द डार्क सिटी" नाटक का प्रदर्शन होने जा रहा है, जिसमें रौशनी के साथ अन्य बच्चे भी अपनी कला कौशल का प्रदर्शन करेंगे। प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक पूनम कुमारी ने बताया, "यह नाटक बच्चों की रचनात्मकता और प्रतिभा का प्रदर्शन होगा। इस तरह के आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और उनकी कलात्मक क्षमताओं को निखारते हैं।"
राजीव कुमार ने यह भी बताया कि किलकारी में आर्ट एंड क्राफ्ट के प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न किया जाता है। रौशनी जैसे बच्चे, जो इन प्रशिक्षणों से गुजर रहे हैं, कला के विभिन्न पहलुओं में निपुण हो रहे हैं और अपनी क्षमताओं को निखार रहे हैं।
रौशनी का सफर न केवल उनके व्यक्तिगत विकास का प्रतीक है, बल्कि यह उन सभी बच्चों के लिए प्रेरणादायक है, जो अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत में बदलकर नई ऊँचाइयों को छूने का सपना देख रहे हैं। बिहार बाल भवन किलकारी ने बच्चों के लिए कला और सृजनात्मकता को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम प्रदान किया है, जहाँ रौशनी जैसी प्रतिभाएँ उभर रही हैं और अपनी कला से सभी को प्रभावित कर रही हैं।