समाहरणालय परिसर में पालना घर का जिलाधिकारी ने किया उद्घाटन

  • Post By Admin on Jun 14 2024
समाहरणालय परिसर में पालना घर का जिलाधिकारी ने किया उद्घाटन

मुजफ्फरपुर : समाहरणालय परिसर में पालना घर का उद्घाटन शुक्रवार को जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के कर कमलों द्वारा फीता काटकर किया गया। यह केंद्र महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा संचालित किया गया है और सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बच्चों की देखभाल के लिए समर्पित है।

यह पालना घर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के उन बच्चों के लिए है, जिनके माता-पिता कार्यस्थल पर व्यस्त रहते हैं और घर पर बच्चों की देखभाल करने का समय नहीं मिलता। इस पालना घर की क्षमता 10 बच्चों की है, जबकि वर्तमान में 11 बच्चे निबंधित हैं।

मुख्य कक्ष को बच्चों की जरूरतों के अनुसार सजाया गया है, जिसमें विभिन्न प्रकार के खिलौने, झूला, पालना, और कार जैसे उपकरण शामिल हैं। दीवारों पर रंग रोगन और चित्रकारी की गई है, जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा, बच्चों और वर्कर्स के लिए अलग-अलग सेल्फ बनाए गए हैं, जिनमें आवश्यक सामग्री को रखा जा सकता है।

बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच वर्कर और सहायक क्रेच वर्कर कार्यरत हैं। पालना घर में कर्मियों और बच्चों के विश्राम के लिए विश्राम कक्ष, रसोईघर, और शौचालय की व्यवस्था की गई है।

महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से पालना घर के नोडल पदाधिकारी के रूप में डीपीओ आईसीडीएस चांदनी सिंह कार्यरत हैं। जिले में वर्तमान में दो पालना घर संचालित हैं एक समाहरणालय परिसर में और दूसरा मुजफ्फरपुर जेल परिसर में। इसके अलावा, पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक और पालना घर स्थापित करने का प्रस्ताव है।

इस उद्घाटन समारोह में जिलाधिकारी के साथ अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था सुधीर कुमार सिन्हा, जिला गोपनीय प्रभारी विनीत कुमार और डीपीओ आईसीडीएस चांदनी सिंह सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने इस अवसर पर पालना घर की सुविधाओं की सराहना की और कहा कि इससे सरकारी कर्मचारियों को बच्चों की देखभाल में आसानी होगी। उन्होंने पालना घर की स्थापना को सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा, विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जो कार्यस्थल और घर के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही हैं।

जिला समाहरणालय के कर्मचारियों ने इस नई सुविधा का स्वागत किया और इसे कार्यस्थल पर अपने बच्चों की देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। कर्मचारियों ने कहा कि यह पहल बच्चों के विकास और उनकी देखभाल के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण प्रदान करेगी।

महिला एवं बाल विकास निगम के अधिकारियों ने संकेत दिया कि भविष्य में और भी ऐसे पालना घर स्थापित किए जाएंगे ताकि कार्यस्थल पर माता-पिता को बच्चों की देखभाल के लिए चिंता न करनी पड़े।

इस पहल से सरकारी कर्मचारियों की उत्पादकता में वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि अब वे कार्यस्थल पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। साथ ही, बच्चों की बेहतर देखभाल और प्रारंभिक शिक्षा के लिए एक सुरक्षित और संगठित वातावरण मिलेगा।

मुजफ्फरपुर समाहरणालय परिसर में स्थापित यह पालना घर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों की देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस कदम से बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में सकारात्मक योगदान की उम्मीद की जा रही है, साथ ही माता-पिता के लिए कार्यस्थल पर एक बड़ा सहयोग साबित होगा।