संविधानवाद के बिना नहीं टिक सकते लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता : प्रो. फैजान मुस्ताफा
- Post By Admin on Jun 10 2024

मुजफ्फरपुर : प्रो. विनोदानंद सिंह स्मृति व्याख्यान में चाणक्य विधि विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रख्यात विधि विशेषज्ञ श्री फैजान मुस्ताफा ने संविधानवाद की अनिवार्यता पर जोर दिया। रामदयालु सिंह महाविद्यालय में आयोजित इस 20वें व्याख्यान में श्री मुस्तफा ने कहा कि संविधानवाद के अभाव में लोकतंत्र, समाजवाद, और धर्मनिरपेक्षता जीवित नहीं रह सकते।
श्री मुस्तफा ने स्पष्ट किया कि दुनिया के कई तानाशाही देशों में भी संविधान मौजूद है, लेकिन वहाँ संविधानवाद का अभाव है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हिटलर के जर्मनी और सऊदी अरब में संविधान तो था, परंतु वहाँ संविधानवाद नहीं था। उन्होंने कहा, "राज्य की शक्ति सरकार के पास होती है, जो हमेशा इसे बढ़ाने का प्रयास करती है। संविधानवाद इस पर अंकुश लगाता है और आम आदमी को सशक्त बनाता है।"
श्री मुस्तफा ने कहा कि संविधानवाद लोगों के अधिकारों की रक्षा करता है और सरकार की निरंकुशता पर नियंत्रण रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब सरकार और राष्ट्र एक हो जाते हैं, तो संविधान मृतप्राय हो जाता है। उन्होंने हालिया चुनावों और 1977 के चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि जनता ने संविधान को बचाने के लिए तत्परता दिखाई है।
रामदयालु सिंह महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. अनिता सिंह ने अपने संबोधन में कहा, "यह महाविद्यालय का सौभाग्य है कि प्रो. फैजान जैसा विद्वान यहां उपस्थित है।" उन्होंने प्रो. मुस्तफा को भविष्य में भी व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अवकाश प्राप्त आयकर अधिकारी श्री अजय कुमार ने की, जबकि स्वागत समाजकर्मी शाहिद कमाल द्वारा किया गया। अतिथियों को अलका सिंह ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। प्रो. अवधेस कुमार ने महाविद्यालय की ओर से सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी, समाजकर्मी और राजनैतिक कार्यकर्ता शामिल थे, जिनमें पटना और अन्य शहरों से भी लोग उपस्थित थे।
प्रो. विनोदानंद सिंह स्मृति व्याख्यान का यह सत्र महाविद्यालय के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ और संविधानवाद के महत्व पर गहन चर्चा के माध्यम से नई दृष्टिकोण प्रस्तुत किए गए।