सुन भईया, सुन दीदी, अमृत बा पानी के उद्घोष से जल संरक्षण का संदेश

  • Post By Admin on Jun 19 2024
सुन भईया, सुन दीदी, अमृत बा पानी के उद्घोष से जल संरक्षण का संदेश

मुजफ्फरपुर : "सुन भईया, सुन दीदी, अमृत बा पानी," इस उद्घोष के साथ जल संरक्षण की अनिवार्यता पर बल दिया गया है। पानी हमारे जीवन का अभिन्न अंग है, चाहे पीने के लिए हो, खाना पकाने के लिए या नहाने के लिए, पानी के बिना हमारा जीवन असंभव है। हमारे दैनिक उपयोग का अधिकांश पानी भूजल से आता है, जो एक कीमती प्राकृतिक संसाधन है।

मीठे पानी का महत्व समझाते हुए कहा गया कि यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। ताजा पानी हमें स्वस्थ और फिट बनाए रखता है। लेकिन बढ़ती जनसंख्या के साथ भूजल का दोहन तेजी से बढ़ रहा है जबकि पानी की उपलब्धता घटती जा रही है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, हमें भूजल संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

सभी नागरिकों से अपील की गई कि वे पानी की बर्बादी रोकने का संकल्प लें। रोजमर्रा की गतिविधियों में पानी की बचत करने के उपाय सुझाए गए हैं, जैसे कार या बाइक को रोज न धोना, आंगन और फर्श की सफाई में कम पानी का उपयोग करना, नल को लगातार चालू न रखना, और घर में टपकते नलों को ठीक करना।

बरसात के पानी का संचयन करने और पोखर, कुआं, नहर, नदी में कचरा न डालने की सलाह दी गई है। छत की टंकी भर जाने पर मोटर को समय पर बंद करने और पेड़ के गमलों में कम पानी डालने की आदतें अपनाने पर भी जोर दिया गया है।

जल संरक्षण के इन उपायों को अपनाकर हम एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभा सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए इस अमूल्य संसाधन को बचा सकते हैं।