गंगा नदी तंत्र में नदी पुनर्स्थापन (रिवर रैचिंग) कार्यक्रम का शुभारंभ
- Post By Admin on Nov 30 2024
दरभंगा : जिले के बहेड़ी अंचल स्थित करेह नदी के कोठरा घाट में गंगा नदी तंत्र में नदी पुनर्स्थापन (रिवर रैचिंग) कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम के तहत 2.60 लाख अंगुलिकाओं का संचयन किया गया। यह योजना बिहार राज्य सरकार द्वारा नदियों में जलजीवों की संख्या को बढ़ाने, मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया को सुरक्षित करने और पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
कार्यक्रम में जिले के प्रशासनिक अधिकारियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम जनता ने भाग लिया। अपर समाहर्त्ता (आपदा प्रबंधन) दरभंगा, उप मत्स्य निदेशक, पटना और अन्य संबंधित अधिकारियों ने योजना के उद्देश्य और इसके लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि नदियों में प्रदूषण, बाहरीकरण और मानव जनित क्रियाकलापों के कारण मछलियों की प्रजातियां घट रही हैं और जलजीवों की प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। यह स्थिति न केवल जलीय पारिस्थितिकी तंत्र बल्कि मानव समुदाय के लिए भी नुकसानदेह साबित हो रही है।
इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने नदी पुनर्स्थापन (रिवर रैचिंग) कार्यक्रम शुरू किया है। जिसके तहत गंगा और उसकी प्रमुख सहायक नदियों, जैसे करेह, कमला, बुढी गंडक, कोशी और बागमती में प्रजनक मछलियों की संख्या बढ़ाने के लिए अंगुलिकाओं का संचयन किया जाएगा। इन अंगुलिकाओं को विभिन्न हैचरियों द्वारा स्पॉनिंग कराकर तैयार किया जाएगा और फिर इन्हें नदियों में डाला जाएगा।
कार्यक्रम के तहत 2024-25 में दरभंगा जिले के करेह और कमला नदियों में क्रमशः 3.80 लाख अंगुलिकाओं का संचयन किया जाना है। जिनमें से 2.60 लाख अंगुलिकाओं का संचयन इस कार्यक्रम के पहले चरण में किया गया। यह दीर्घकालीन कार्यक्रम है। जिसके प्रभाव से अगले 8-10 वर्षों में मत्स्य उत्पादन में वृद्धि देखने को मिलेगी और इससे मत्स्यजीवी समुदाय को अपनी आजीविका के लिए अतिरिक्त साधन मिलेंगे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य नदी जल की गुणवत्ता में सुधार लाना, प्रदूषण को कम करना और मछली पालन की उत्पादकता को बढ़ाना है। जिससे जलजीवों और पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में अपर समाहर्त्ता (आपदा प्रबंधन) दरभंगा, उप मत्स्य निदेशक, पटना, उप मत्स्य निदेशक दरभंगा क्षेत्र, जिला मत्स्य पदाधिकारी, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी और अन्य संबंधित कर्मी मौजूद थे।