लखीसराय: जिला स्तर पर मातृ एवं शिशु मृत्यु समीक्षा बैठक आयोजित
- Post By Admin on Mar 29 2025

लखीसराय: जिला समाहरणालय के मंत्रणा कक्ष में जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला गुणवत्ता यकीन समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मातृ एवं प्रसवकालीन मृत्यु निगरानी एवं प्रतिक्रिया (MDSR) की समीक्षा की गई, जिसमें पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान जिले के विभिन्न प्रखंडों से कुल 16 मातृ-मृत्यु के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। इनमें से 14 मामलों का वर्बल ऑटोप्सी प्रतिवेदन जिला स्वास्थ्य समिति को सौंपा गया था, जबकि 5 मामलों की समीक्षा पहले ही पूरी हो चुकी थी। शेष 9 मामलों की समीक्षा स्वयं जिला पदाधिकारी द्वारा की गई।
समीक्षा में यह सामने आया कि गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में कई कमियां हैं। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक गर्भवती महिला की चार प्रसव पूर्व जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए और उनका सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, निजी स्वास्थ्य संस्थानों में होने वाले प्रसवों की भी सटीक रिपोर्टिंग की निगरानी करने को कहा गया, ताकि मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सके।
बैठक के दौरान शिशु मृत्यु के मामलों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। समीक्षा में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के फरवरी माह तक जिले में कुल 142 शिशु मृत्यु दर्ज की गई हैं, जिनमें SNCU से 47 शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग हुई। जिला पदाधिकारी ने कुल 62 मामलों की समीक्षा की, जिसमें यह पाया गया कि शिशु मृत्यु का सबसे बड़ा कारण जन्म के दौरान ऑक्सीजन की कमी (बर्थ एस्फिक्सिया) है। इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताते हुए उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को निर्देश दिया कि शिशु एवं मातृ मृत्यु के सही कारणों की स्पष्ट रिपोर्टिंग की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
बैठक के उपरांत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर NQAS और कायाकल्प कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसमें रामनगर बरतारा की स्वेता कुमारी, बेलौरी की नेहा कुमारी, तेतरहट की प्रीति सिन्हा, मननपुर की निधि गुप्ता, जानकीडीह के राजू कुमार वर्मा और वलीपुर के आशीष मालव को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, जिला स्तर पर गुलशन कुमार पांडे (जिला स्वास्थ्य समिति, लखीसराय) और सिद्धार्थ कुमार (पिरामल) को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
इस महत्वपूर्ण बैठक में सिविल सर्जन, लखीसराय, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के पदाधिकारी (यक्ष्मा, गैर-संचारी रोग आदि), सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, अस्पताल प्रबंधक, जिला योजना समन्वयक और जिला सामुदायिक उत्प्रेरक मौजूद रहे। जिला प्रशासन ने यह संकल्प लिया कि स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा, ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम किया जा सके और क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके।