खुदीराम बोस आत्मबलिदान दिवस पर विशेष समारोह का होगा आयोजन

  • Post By Admin on Aug 03 2023
खुदीराम बोस आत्मबलिदान दिवस पर विशेष समारोह का होगा आयोजन

मुजफ्फरपुर: पश्चिम बंगाल से नेताजी सुभाष चंद्र मिशन की 45 सदस्यीय टीम का मुजफ्फरपुर में आगमन होने के अवसर पर रामदयालु में पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में विशेष समारोह आयोजित किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण अवसर को लेकर, पूर्व मंत्री के कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें स्वागत कमिटी का गठन किया गया । समारोह के प्रमुख अतिथि के रूप में सुरेश कुमार शर्मा, स्वागता अध्यक्ष विधायक केदार गुप्ता, संयोजनकर्ता अविनाश तिरंगा सम्मिलित हुए।

नेताजी सुभाष चंद्र मिशन की टीम का मुजफ्फरपुर आगमन 7 अगस्त को खुदीराम बोस के पैतृक गांव देवेलटी से आयोजित यात्रा के रूप में होगा, जिसका समापन 10 अगस्त को शाम 4 बजे मुजफ्फरपुर में होगा। इस अवसर पर, टीम का भव्य स्वागत किया जाएगा और 10 अगस्त के सुबह 4 बजकर 2 मिनट पर मुजफ्फरपुर के खुदीराम बोस जेल में श्रद्धांजलि दी जाएगी।

आपको बता दें कि शहीद खुदीराम बोस, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान संघर्षकों में से एक थे, जिन्होंने अपने आत्मबलिदान से देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। उनका जीवन एक उदाहरण है, जो हमें साहस, आत्मबलिदान, और देशभक्ति की महत्वपूर्ण शिक्षाएं देता है। खुदीराम बोस का जन्म 16 अगस्त, 1889 को बंगाल के मिडनापुर जिले के पुरुलिया गाँव में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा को पूरा किया और फिर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने का निश्चय किया। खुदीराम बोस का संघर्ष ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ था, और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता सेना की स्थापना की थी, जिसे "आजाद हिन्द फौज" के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के लिए संघर्ष किया, विभाजनों का सामना किया, और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान प्रेरणा स्रोत बने। खुदीराम बोस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपनी जान की बलिदान किया, जिसका परिणाम स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की विजय में महत्वपूर्ण है, और हमें उनके बलिदान का सम्मान करना चाहिए।

शहीद खुदीराम बोस का योगदान हमें आज भी प्रेरित करता है, और उनकी वीरता और संघर्ष की कहानी हमें सिखाती है कि देश के लिए समर्पण की भावना से कोई भी मुश्किल चुनौती को पार कर सकता है। उनके बलिदान को देशवाशी आज भी सलाम करते हैं ।  मुजफ्फरपुर खुदीराम बोस जेल का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय से जुड़ा हुआ है। इस जेल में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी अपने देश के लिए आत्मबलिदान कर चुके थे। यहां संग्रहालय में उनकी यादों को समाया गया है और इस जेल का संग्रहालय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण इतिहास को संजोने का काम करता है। खुदीराम बोस जेल की दीवारों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान स्वतंत्रता सेनानियों के वीरता और संघर्ष की गाथाएं याद दिलाती हैं। यहां के दीवारों में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शीर्ष स्वतंत्रता सेनानियों के उदार उदाहरण उपलब्ध होते हैं, जो हमें स्वतंत्रता संग्राम के वीर योद्धाओं की महानता का अहसास कराते हैं।

खुदीराम बोस जेल एक ऐतिहासिक स्थल है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बहादुर संघर्षकों के शौर्य और बलिदान की कहानी सुनाता है। यह जेल एक महत्वपूर्ण स्मृति स्थल है, जो देशवासियों के मन में गर्व और आभार का भाव जागृत करता है। इस स्थान को अभिभूत करने वाली उनकी वीरता को हम सदैव याद रखेंगे।