बीएचआरसी के निबंधक के सेवा विस्तार पर अधिवक्ताओं में हर्ष

  • Post By Admin on Nov 15 2024
बीएचआरसी के निबंधक के सेवा विस्तार पर अधिवक्ताओं में हर्ष

मुजफ्फरपुर : बिहार मानवाधिकार आयोग के निबंधक, अवकाश प्राप्त न्यायाधीश शैलेन्द्र कुमार सिंह का सेवा विस्तार बिहार सरकार द्वारा 23 जून 2025 तक या अगले आदेश तक के लिए किया गया है। इस संबंध में सरकार के गृह विभाग के विशेष शाखा द्वारा अधिसूचना जारी की गई है, जो अधिवक्ताओं और न्यायिक समाज के बीच खुशी की लहर लेकर आई है।

मानवाधिकार मामलों के चर्चित अधिवक्ता एस.के. झा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि शैलेन्द्र कुमार सिंह “न्याय के जीवंत देवता” हैं और उनके जैसा न्यायाधीश आज तक नहीं देखा गया। झा ने उन्हें “धर्मराज की प्रतिमूर्ति” करार देते हुए कहा कि उनका कार्यकाल और योगदान समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शैलेन्द्र बाबू ने जो कार्य किए हैं वह युगों-युगों तक याद रखे जाएंगे।

बता दें कि अवकाश प्राप्त न्यायाधीश शैलेन्द्र कुमार सिंह पहले मुजफ्फरपुर जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत थे और अपनी न्यायिक सेवाओं के दौरान उन्होंने न्यायिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान की। वे अपनी इमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और निष्पक्ष निर्णयों के लिए जाने जाते हैं।

न्यायपालिका में उनके योगदान को देखते हुए बिहार सरकार ने उन्हें राज्य मानवाधिकार आयोग के निबंधक पद पर नियुक्त किया। अब उनके सेवा विस्तार पर अधिवक्ताओं और न्यायिक समाज के विभिन्न हस्तियों ने अपनी खुशी और आभार व्यक्त किया है।

मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता रामशरण सिंह, वी. के. लाल, विजय कुमार शाही, नेहा कुमारी, कबीर राज और अजय कुमार ने इस अवसर पर शैलेन्द्र कुमार सिंह को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि शैलेन्द्र बाबू का सेवा विस्तार बिहार की न्यायिक व्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम है और उनके नेतृत्व में मानवाधिकार आयोग में अधिक प्रभावी कार्य होंगे।

पूरे मुजफ्फरपुर अधिवक्ता समाज में इस फैसले को लेकर खुशी का माहौल है और सभी ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। शैलेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में मानवाधिकार आयोग ने पहले भी कई महत्वपूर्ण मामलों में निर्णायक भूमिका निभाई थी और अब उनके सेवा विस्तार से यह उम्मीद जताई जा रही है कि आयोग और भी मजबूती से काम करेगा। सरकार का यह कदम, न्यायिक सेवा में निष्पक्षता और समर्पण को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय पहल माना जा रहा है।