मुजफ्फरपुर में जल प्रबंधन को लेकर RDS कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित, जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह रहे मुख्य अतिथि

  • Post By Admin on May 28 2023
मुजफ्फरपुर में जल प्रबंधन को लेकर RDS कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित, जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह रहे मुख्य अतिथि

मुजफ्फरपुर :  जल के प्रति सजगता व चेतना को लेकर अत्यंत आवश्यक है कि हम सब एक होकर इस विषय पर मंथन करें । लेकिन सबसे पहले इसकी सफलता के लिए जल साक्षरता जरूरी है। इसके लिए आवश्यक है कि जल संरक्षण और सामुदायिक विकेंद्रित जल प्रबंधन पर जोड़ दिया जाए । जब तक जल की आवश्यकता और महत्व का अहसास नहीं कराया जाएगा तब तक किसी भी पहल का असर शत प्रतिशत नहीं हो सकेगा। किसी भी अभियान के जरिए सिर्फ महत्व को बताया जा सकता है लेकिन इसके व्यावहारिक पक्ष को समझकर ही इसे सफल बनाया जा सकता है।

आज इसी कड़ी में एक कदम आगे बढ़ाते हुए कई पुरस्कार पाने वाले जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह मुजफ्फरपुर पहुँचे । व स्वराज्य पर्व के संवाद में सामुदायिक विकेंद्रित जल प्रबंधन को लेकर पुनः एक मुहिम चलाई । उन्होंने कहा कि हम सभी को आज जल के प्रति सजग होने की आवश्यकता है । पानी के एक एक बूंद की कीमत को समझने की जरूरत है । तभी हम आगामी पीढ़ी को बचा सकेंगे।  उन्होंने सरकार को भी इस विषय के केंद्र में रखते हुए कहा कि सरकार को बादलों की एक-एक बूंद को संजोए रखने की जरूरत है।  साथ ही लोगों को अनुशासित होकर जल का प्रयोग करना सिखाने की भी जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि जल के महत्व को शुरुआत से ही बताया जाए। उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि पाठ्यक्रमों में जल को जरूरी विषय के तौर पर शामिल कर जल संरक्षण के लिए बच्चों को प्रेरित किया जा सकता है।  उन्होंने कहा जब तक समाज में वर्षा जल के संरक्षण को लेकर सार्थक कदम नहीं उठाए जाएंगे या उपयोग के लिए जागरूकता कार्यक्रम नहीं चलाए जाएंगे तब तक समाज में वांछित प्रभाव नहीं नजर आएगा। 

बिहार के नदियों को लेकर भी उन्होंने चिंता प्रकट की । डॉ. राजेंद्र ने कहा कि बिहार जिस प्रकार से बेपानी हो रहा है उसे पानी की आवश्यकता है । बाल गंगाधर तिलक के विषय में उन्होंने कहा कि उनकी दूरगामी सोच के जैसे हमें भी सजग होने की जरूरत है । दूरगामी सोच के बगैर जल को संरक्षित करना असंभव ही नहीं बल्कि नामुमकिन है । समाज के विषय में उन्होंने कहा कि समाज के लिए जितनी शिक्षा की आवश्यकता है उतनी ही विद्या की आवश्यकता है । शिक्षा से हम केवल ख़ुद को बेहतर कर सकते हैं लेकिन विद्या से ख़ुद के साथ समाज की भी भलाई कर सकते हैं । आधुनिक चिकित्सा पर उन्होंने कहा कि यह हमें मरने नहीं देती बल्कि निरोग नहीं करती । उसी प्रकार शिक्षा से ख़ुद को बेहतर कर सकते हैं लेकिन ख़ुद की जड़ को मजबूत करने के लिए विद्या की आवश्यकता है। भारत के नदियों की संकट पर भी उन्होंने चर्चा की । उन्होंने कहा नदियों पर अतिक्रमण, प्रदूषण और नदियों का शोषण चिंता का विषय बन गया है । कुछ जेब गर्म करने के चक्कर में कॉन्ट्रैक्टर हर घर जल के नाम पर नदियों के जल का दोहन कर रहे हैं । यह आगामी पीढ़ी के लिए एक ख़तरा का संकेत है । नदी को भारतीयों ने मां माना है । और मां तो मां होती है तो फिर नालायक बेटा क्यों बन रहे हैं । अपनी मां की हिफाज़त करने की जरूरत है । आज नदी अपवित्र होती जा रही है । प्रदूषित होती जा रही है । उसे संरक्षित करने की जरूरत है । और यह आपका कर्तव्य है कि आप इसे सुरक्षित रखें । 

डॉ. राजेंद्र ने अपनी एक आपबीती सुनाते हुए एक बड़ी बात कही, जो लोग अपने लक्ष्य का संकल्प नहीं करते हैं वो विकल्प की तलाश करने लगते हैं । इसलिए अपने लक्ष्य को लेकर सबसे पहले संकल्प करने की आवश्यकता है । अथर्ववेद की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नदी मां के समान है । नदी की आजादी छीनने के बजाय हमें उनके जल से केवल सिंचित होने की जरूरत है । 

वहीं डॉ. संजय पंकज ने कहा कि जल प्रबंधन पर कार्यक्रम भले ही शुरू हो जाएं लेकिन जल्द उद्देश्य तक नहीं पहुंच पाएंगे। यदि कैच द रेन कार्यक्रम को सफल बनाना है तो पांच तरह के प्रयास करने होंगे। पहला, भारत में जल सारक्षता को बढ़ावा देना होगा। शुरू से ही पाठ्यक्रमों में जल संरक्षा को जरूरी विषय के तौर पर शामिल करना होगा। दूसरा, हर स्तर पर जल संरक्षण को अनिवार्य किया जाना चाहिए। अनुशासित होकर जल के उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए। तीसरा, जल, पोखर, तालाब को जानो जैसे विषयों पर वेबिनार किए जाने चाहिए। कोरोना काल में इस तरह के वेबिनार के बेहद सकारात्मक परिणाम मिले। लोगों ने प्रकृति की संरक्षा से जुड़े प्रयास आगे आकर किए। चौथा प्रयास जल के बौद्धिक अभ्यास से ज्यादा व्यावहारिक अभ्यास पर जोर देना होगा। पांचवां प्रयास गांव व शहर में जल संरक्षण की बाध्यता के प्रविधान हों। संजय पंकज ने सभी लोगों से जल बचाने को लेकर आग्रह किया साथ ही अपने-अपने स्तर से जल बचाने के प्रति लोगों को जागरूक करने की बात भी कही । कार्यक्रम में नालंदा प्रकाशन के नीरज कुमार, बिहार गुरु के संरक्षक अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा, समाजसेवी अमर बाबू, सुगंध कुमार, राजेश चौधरी, आरडीएस कॉलेज प्राचार्या व अन्य सभी शिक्षाविद समेत सैकड़ो लोग उपस्थित रहे ।