भारत की नई आप्रवासन नीति: धर्मशाला बनने से रोकेगा यह नया एक्ट

  • Post By Admin on Mar 29 2025
भारत की नई आप्रवासन नीति: धर्मशाला बनने से रोकेगा यह नया एक्ट

नई दिल्ली: भारत ने हाल ही में आप्रवासन और विदेशी अधिनियम 2025 को मंजूरी देकर अपने सीमा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अधिनियम को "ऐतिहासिक" बताते हुए स्पष्ट किया कि भारत अवैध प्रवासियों के लिए कोई धर्मशाला नहीं बनने देगा। संसद में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि यह कानून देश में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने वालों और अस्थिरता फैलाने की मंशा रखने वालों पर कड़ी कार्रवाई करेगा।

अवैध आप्रवासन पर रोक लगाने की नई रणनीति

भारत लंबे समय से अवैध प्रवासियों की समस्या से जूझ रहा है, विशेष रूप से रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामलों में। नए अधिनियम का उद्देश्य चार पुराने कानूनों को हटाकर एक आधुनिक और प्रभावी प्रणाली तैयार करना है। इसके प्रमुख प्रावधानों में शामिल हैं:

  • वैध दस्तावेजों की अनिवार्यता: बिना पासपोर्ट और वीजा के प्रवेश करने वालों को पांच साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  • अवैध प्रवासियों पर सख्ती: ऐसे व्यक्तियों को हिरासत में लेने, निष्कासन (डिपोर्टेशन) और ब्लैकलिस्ट करने का अधिकार अधिकारियों को मिलेगा।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता: यदि कोई विदेशी देश की सुरक्षा, संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा है, तो सरकार उसे प्रवेश से रोक सकेगी।
  • डिजिटल निगरानी: विदेशियों के आवागमन की निगरानी के लिए एक आधुनिक तकनीक-संचालित प्रणाली लागू होगी।
  • वीजा प्रणाली में बदलाव और शरणार्थियों पर सख्ती
  • नए अधिनियम में वीजा नियमों को संशोधित किया गया है, जिससे पर्यटक, विद्यार्थी, कुशल श्रमिक, व्यापार आगंतुक, शरणार्थी और अवैध प्रवासियों को अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
  • शरणार्थियों पर UN समझौते से इंकार: अमित शाह ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र के 1951 शरणार्थी सम्मेलन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और इसकी जरूरत भी नहीं है।
  • घुसपैठ पर रोक: रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई को लेकर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है।
  • बायोमेट्रिक डेटा अनिवार्य: लंबी अवधि के वीजा के लिए फिंगरप्रिंट और फेस स्कैन जरूरी होगा।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

यह अधिनियम न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि वैध प्रवासियों के लिए प्रक्रियाओं को भी सरल बनाएगा। "बिजनेस वीजा प्लस" और "स्टार्टअप वीजा" जैसी नई श्रेणियां व्यापार और नवाचार को बढ़ावा देंगी। हालांकि, विपक्ष ने इस कानून को लेकर चिंताएं जताई हैं और इसे "मनमाना" बताते हुए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने की मांग की थी, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया।

भारत की नई आप्रवासन नीति न केवल अवैध घुसपैठ को रोकेगी बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करेगी। सरकार का मानना है कि इस कानून से विदेशी नागरिकों का आगमन नियंत्रित होगा और भारत आर्थिक रूप से और सशक्त बनेगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि इसका क्रियान्वयन कितना प्रभावी रहता है।