पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का हुआ निधन
- Post By Admin on Dec 30 2024

पटना : महावीर स्थान न्यास समिति पटना के सचिव व पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का 74 वर्ष के उम्र में बीते रविवार की सुबह निधन हो गया। रविवार की सुबह उन्हें कार्डियेक अरेस्ट हुआ था। जिसके बाद उन्हें महावीर वात्सल्य अस्पताल लाया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष, प्रशासक, महाराजा कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति, महावीर मंदिर पटना के संस्थापक के संस्थापक भी थे. वे श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या के सदस्य भी थे।
आचार्य कुणाल समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी के ससुर थे। मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज के मूल निवासी थे आचार्य कुणाल पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गांव से ही ग्रहण की थी। आचार्य कुणाल ने पटना यूनिवर्सिटी से इतिहास और संस्कृत में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। 1972 में किशोर कुणाल गुजरात कैडर से आईपीएस अधिकारी बने थे।
1978 में किशोर कुणाल को अहमदाबाद में पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था। 1983 में प्रमोशन मिलने के बाद उन्हें पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया था। 1990 से 1994 तक किशोर कुणाल ने गृह मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी पद पर काम किया। एक कुशल प्रशासक एवं संवेदनशील अधिकारी थे आचार्य कुणाल : नीतीश आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर सीएम ने लिखा,”पूर्व IPS अधिकारी, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष और महावीर मंदिर न्यास समिति के संस्थापक सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी का निधन दुःखद है। वे एक कुशल प्रशासक एवं संवेदनशील पदाधिकारी थे। उनके निधन से प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।” नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी आचार्य कुणाल को दी श्रद्धांजलि बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा,”पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष तथा पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल जी के असामयिक निधन की खबर दुःखद है। आचार्य जी की शैक्षणिक, धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।” आध्यात्मिक दुनिया में आचार्य कुणाल की थी अलग पहचान : गिरिराज केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा, “आचार्य किशोर कुणाल का देहांत हम सभी के लिए दुखद है और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सिर्फ एक प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं थे। जब उन्होंने सेवानिवृत्ति ली तो भी उन्होंने आध्यात्मिक दुनिया में अपनी छाप छोड़ी। मंदिर किस तरह लोगों की सेवा कर सकते हैं – पटना का हनुमान मंदिर इसका एक उदाहरण है।”