श्री श्री 1008 विष्णु महायज्ञ को लेकर खैरा गांव में ध्वज स्थापित
- Post By Admin on Nov 15 2024

मुजफ्फरपुर : जिले के सरैया प्रखंड के खैरा गांव में श्री श्री 1008 विष्णु महायज्ञ के आयोजन को लेकर भूतनाथ महादेव मंदिर के पास ध्वज स्थापित किया गया। इस अवसर पर आचार्य सुनीता तिवारी द्वारा वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए ध्वज की स्थापना की गई। आगामी 29 मई से 6 जून तक होने वाले इस महायज्ञ के लिए ध्वज स्थापना की प्रक्रिया को एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीक माना जा रहा है।
ध्वज स्थापना और महायज्ञ की शुरुआत:
ध्वज स्थापना के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने पूरे वातावरण को धार्मिक और उल्लासपूर्ण बनाने के लिए बढ़-चढ़ कर भाग लिया। आचार्य सुनीता तिवारी ने वैदिक मंत्रोच्चारण करते हुए महायज्ञ के लिए ध्वज को विधिपूर्वक स्थापित किया। इस महायज्ञ का आयोजन श्री श्री बाबा बलराम जी महाराज अयोध्या वाले के सानिध्य में हो रहा है, जो इस अवसर पर स्वयं उपस्थित रहेंगे।
महायज्ञ में प्रमुख नेताओं की उपस्थिति:
ध्वज स्थापना समारोह में गांव के प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक नेताओं की भी उपस्थिति रही। इस मौके पर शंकर तिवारी, प्रभात राय (पैक्स अध्यक्ष खैरा), शशि शेखर प्रसाद, समिति सदस्य शिवाजी राय, शंकर चौधरी, रिंकू सिंह (मुखिया प्रतिनिधि खैरा), सुनिल कुमार (भावी पैक्स अध्यक्ष उम्मीदवार), सुरेन्द्र राय, नंदलाल राय, श्री नंदन ठाकुर, सुनील तिवारी, मोहन पाण्डेय, रामानंद राय, अशोक राय, सुभाष कुमार, सुरेश राय, महेंद्र राय और रामेश्वर राय समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
महायज्ञ का महत्व:
श्री श्री 1008 विष्णु महायज्ञ का आयोजन क्षेत्रवासियों के लिए एक महापर्व के रूप में देखा जा रहा है। यह महायज्ञ न केवल धार्मिक आस्था को प्रगाढ़ करेगा बल्कि गांव के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन को भी सशक्त बनाएगा। यज्ञ के आयोजन को लेकर ग्रामीणों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है, और सभी को यह विश्वास है कि इस महायज्ञ से क्षेत्र में शांति, समृद्धि और कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा।
समारोह के लिए तैयारियां:
श्री श्री 1008 विष्णु महायज्ञ के सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति ने पहले ही आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं। यज्ञ स्थल को सजाने, यज्ञोपवित और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए समर्पित सभी साधन जुटाए गए हैं। आने वाले दिनों में यज्ञ के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और कीर्तन भी आयोजित किए जाएंगे। जिनमें क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में भाग लेंगे। यह महायज्ञ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह क्षेत्रवासियों के बीच सामाजिक सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देने का एक अद्वितीय अवसर भी है।