सरकारी योजना का लाभ लेने में किसान उदासीन, बिचौलियों की चांदी
- Post By Admin on Jan 02 2025

लखीसराय : धनहर क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले लखीसराय जिले में सरकारी धान खरीद योजना किसानों तक पहुंचने में विफल साबित हो रही है। धान अधिप्राप्ति के लिए स्थापित समितियां और पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) किसानों के बजाय बिचौलियों के लिए मुनाफे का जरिया बन गए हैं। धान बेचने की सरकारी प्रक्रिया जटिल और समय-साध्य होने के कारण किसान इससे उदासीन हो रहे हैं। किसानों को धान सुखाने, पैकिंग करने और ट्रैक्टर के जरिए गोदाम तक पहुंचाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वहीं, बिचौलिये सीधे किसानों के खलिहान से धान खरीदकर उन्हें झंझट मुक्त विकल्प दे रहे हैं। ये व्यापारी 18 से 19 सौ रुपए प्रति क्विंटल के दर पर बिना किसी अतिरिक्त लागत के धान उठा रहे हैं, जबकि पैक्स और समितियां किसानों को निर्धारित दर से 100-150 रुपए प्रति क्विंटल कम पर धान बेचने के लिए मजबूर कर रही हैं। धान कटाई के एक से डेढ़ महीने बीतने के बावजूद फोर्टीफाइड चावल गोदाम की व्यवस्था में भी देरी हुई। कई पैक्स के पास पर्याप्त गोदाम नहीं हैं, जिससे किसानों को मिल गोदाम के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी कुमारी सुमन ने कहा कि धान कटाई के शुरुआती समय से ही जिले में धान खरीद प्रक्रिया शुरू है। सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी होगी। हालांकि, किसानों का कहना है कि इस प्रक्रिया की जटिलता और समय की बर्बादी के चलते वे बिचौलियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में, सरकार की यह अति-लाभकारी योजना अपने उद्देश्य में असफल होती दिख रही है।