बिहार बंद का दिखा असर : ट्रेनें रुकीं-हाईवे जाम, जनजीवन ठप

  • Post By Admin on Jul 09 2025
बिहार बंद का दिखा असर : ट्रेनें रुकीं-हाईवे जाम, जनजीवन ठप

पटना : बिहार में बुधवार को महागठबंधन द्वारा आहूत 'बिहार बंद' का व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से ही राज्य के विभिन्न जिलों में ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई, राष्ट्रीय राजमार्गों पर चक्का जाम कर दिया गया और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर छिड़े सियासी संग्राम ने आज राज्यभर को आंदोलित कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने रोकीं ट्रेनें, जाम किए हाइवे
बिहार के भोजपुर, दरभंगा, जहानाबाद सहित कई जिलों में आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर उतरकर श्रमजीवी एक्सप्रेस, विभूति एक्सप्रेस और 'नमो भारत' जैसी ट्रेनों को रोक दिया। राजद कार्यकर्ताओं ने दरभंगा जंक्शन पर जबरदस्त प्रदर्शन किया, जबकि जहानाबाद में NH-83 को पूरी तरह से बाधित कर दिया गया।

बंद को मिला विपक्षी दिग्गजों का समर्थन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के आंदोलन में शामिल होने की घोषणा ने विरोध को नई धार दे दी है। राहुल गांधी ने आज पटना आकर खुद इस ‘बंद’ का नेतृत्व किया, जबकि तेजस्वी यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जनता से खुली अपील करते हुए कहा: "बिहार बंद और चक्काजाम में शामिल होइए और लोकतंत्र को बचाइए। गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश को नाकाम कीजिए।"

विपक्ष का आरोप: ‘वोटबंदी’ की साजिश
विपक्षी दलों ने मतदाता सूची पुनरीक्षण को 'वोटबंदी' करार देते हुए आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक और गरीब तबके के मतदाताओं को सूची से बाहर कर रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस, राजद, वाम दल और अन्य महागठबंधन घटक दल एकजुट होकर सड़कों पर उतर चुके हैं।

भोजपुर में पूर्व विधायक का मोर्चा, जहानाबाद में छात्र इकाई सक्रिय
भोजपुर के बिहिया में राजद के पूर्व विधायक दिनेश ने अपने समर्थकों के साथ ट्रेनों को रोका। वहीं, जहानाबाद में राजद की छात्र इकाई ने रेलवे ट्रैक और हाईवे दोनों पर कब्जा जमाकर विरोध दर्ज कराया।

प्रशासन सतर्क, लेकिन आक्रोश भारी
बिहार प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है, परंतु जगह-जगह भीड़ और सड़क-जाम की खबरें लगातार आ रही हैं। आम जनजीवन पर इसका असर साफ देखा जा सकता है।

जैसे-जैसे दिन चढ़ा, आंदोलन की तीव्रता और व्यापकता बढ़ती गई। राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है और आमजन असमंजस में। फिलहाल बिहार बंद सियासत के साथ-साथ जनजीवन को भी पूरी तरह से अपने प्रभाव में ले चुका है।