बागी कैंडिडेट्स के कारण महायुति और महाविकास अघाड़ी पर बढ़ा खतरा, 6 दिन में करना होगा समाधान
- Post By Admin on Oct 30 2024

मुंबई : महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के बीच हरियाणा के पिछले अनुभव की चर्चा जोरों पर है, जहां पार्टी की अंदरूनी कलह और बागी नेताओं के कारण नतीजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। महाविकास अघाड़ी (MVA) और महायुति दोनों ही गठबंधन इसी तरह की चुनौती का सामना कर रहे हैं। पार्टी की ओर से प्रत्याशी चयन में मतभेद और बागी नेताओं की बढ़ती संख्या ने चुनावी समीकरणों को जटिल बना दिया है।
अब तक 150 बागी उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिया है, जो दोनों ही गठबंधनों के लिए चिंता का विषय बन चुके हैं। उम्मीदवारों को मनाने के लिए 4 नवंबर, नामांकन वापसी की अंतिम तिथि तक का समय बचा है। माना जा रहा है कि वही गठबंधन बेहतर स्थिति में रहेगा, जो अपने बागियों की संख्या को नियंत्रित करने में सफल होगा।
गठबंधनों के नामांकन का हाल
महाविकास अघाड़ी के 286 उम्मीदवारों में कांग्रेस से 103, उद्धव सेना से 96 और एनसीपी-शरद पवार गुट से 87 प्रत्याशी मैदान में हैं। दूसरी ओर, महायुति के कुल 284 उम्मीदवारों में भाजपा और उसके सहयोगी दल शामिल हैं, हालांकि 5 सीटों पर महायुति के उम्मीदवार आपस में ही टकरा रहे हैं। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपाल शेट्टी बोरिवली से बागी होकर मैदान में हैं, जबकि पार्टी ने संजय उपाध्याय को वहां से उतारा है। इसी तरह, छगन भुजबल के भतीजे समीर ने नांदगांव से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है।
कांग्रेस और उद्धव सेना का आपसी टकराव
महाविकास अघाड़ी के अंदर भी चुनौती कम नहीं है। कई सीटों पर कांग्रेस और उद्धव सेना आमने-सामने हैं, जैसे सोलापुर वेस्ट में। वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, जिनमें से कई वर्तमान विधायक भी हैं। इन मतभेदों के कारण गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अब सभी की निगाहें 4 नवंबर की तारीख पर टिकी हैं, जब नामांकन वापसी का समय समाप्त होगा। इसके बाद ही यह स्पष्ट होगा कि किस गठबंधन को कितने बागियों के कारण नुकसान हो सकता है।