मुशहरी प्रखंड की जनता का जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन

  • Post By Admin on Sep 04 2024
मुशहरी प्रखंड की जनता का जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन

मुजफ्फरपुर : मुशहरी अंचल में राजस्व कर्मचारियों और अंचलाधिकारी की लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में जमाबंदी ऑनलाईन डिजिटाईजेशन से वंचित रह गई है, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस लापरवाही के चलते 10 से 20 प्रतिशत जमाबंदी अब तक ऑनलाईन नहीं हो पाई है। वहीं, जिन जमाबंदियों को ऑनलाईन किया गया है, उनमें कई जगह गलतियां पाई गई हैं, जैसे खाता, खेसरा, और रकवा का सही तरीके से अंकन नहीं किया गया है या नामों में अशुद्धियां हैं।

इसके अलावा, मुशहरी अंचल में सैकड़ों मामले परिमार्जन प्लस के तहत छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाईन चढ़ाने के लिए लंबित हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। लगभग 500 से अधिक विविध वादों के अभिलेख भी उप समाहर्ता (पूर्वी) मुजफ्फरपुर के कार्यालय में डेढ़ वर्षों से लंबित पड़े हुए हैं। यह भी सामने आया है कि कुछ राजस्व कर्मचारी और अंचलाधिकारी अवैध रूप से उगाही करने के उद्देश्य से परिमार्जन और दाखिल खारिज के मामलों को अनावश्यक रूप से रद्द कर देते हैं, जबकि सही मामलों में भी आपत्तियाँ लगाकर लोगों को रिश्वत देने के लिए विवश किया जा रहा है। इस संदर्भ में, बिहार विशेष सर्वेक्षण (भूमि) योजना की विसंगतियों को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। कैडस्ट्रल सर्वे नक्शा, खतियान, और रिविजनल सर्वे के बीच अंतर, और उनसे जुड़े मुकदमों के कारण लोगों में संशय उत्पन्न हो गया है, जिसे दूर करना अत्यावश्यक है। इसके अलावा, राजस्व ग्रामों में सर्वे कार्य शुरू करने से पहले भू-सीमा का निर्धारण और ग्राम सभा के माध्यम से जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। इसमें पंचायत जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों, अमीन, पत्रकारों, शिक्षकों, और प्रोफेसरों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

इसलिए, यह अनुरोध किया गया है कि मुशहरी अंचल की भ्रष्टाचार युक्त व्यवस्था में सुधार कर, विशेष शिविर लगवाकर ऑनलाईन जमाबंदी में सुधार किया जाए, ताकि भूमि सर्वेक्षण के दौरान लोगों को परेशानी से निजात मिल सके। साथ ही, अंचलाधिकारी और राजस्व अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाई जाए और उनकी जनता के प्रति जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए।