मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता सेमिनार आयोजित

  • Post By Admin on Jan 20 2025
मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता सेमिनार आयोजित

समस्तीपुर : गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में कई विशेषज्ञ और गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम में श्री राम जानकी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. जीसी कर्ण, श्री रामचंद्र सेवा सदन के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिंह, कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आर. एम. तुगनायत, प्रो. शिव रामा कृष्णा, नारायण इन्फो समस्तीपुर के निदेशक कुणाल कुमार और राम जानकी मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्य प्रबंधक अंजनी आनंद ने मानसिक स्वास्थ्य पर अपने विचार व्यक्त किए।

मानसिक स्वास्थ्य पर डॉ. मनोज कुमार सिंह का उद्बोधन

सेमिनार के दौरान डॉ. मनोज कुमार सिंह ने मानसिक स्वास्थ्य को आज की एक गंभीर चुनौती बताते हुए इसके विभिन्न कारणों और समाधानों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि समाज में इसके प्रति जागरूकता बढ़ सके और हम मानसिक शांति और संतुलन की ओर बढ़ सकें।” उनका यह संदेश सभी के लिए था कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता से व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

डॉ. जीसी कर्ण का सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर

श्री राम जानकी मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. जीसी कर्ण ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाते हुए इसे केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी बताया। उनका कहना था, “मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल से न केवल हमारी व्यक्तिगत गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि इससे पूरे समाज में सकारात्मक बदलाव भी आ सकता है।”

नारायण इन्फो के निदेशक कुणाल कुमार का योगदान

नारायण इन्फो समस्तीपुर के निदेशक कुणाल कुमार ने भी इस सेमिनार में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मिथकों को तोड़ने के लिए इस तरह के सेमिनार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह समाज को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का एक सही कदम है। जिससे हम स्वस्थ और संतुलित समाज की ओर अग्रसर हो सकें।”

कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी

इस कार्यक्रम में कॉलेज के शिक्षक और सैकड़ों छात्र भी उपस्थित थे। जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य पर हुई चर्चा को गंभीरता से सुना और इस दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि मानसिक स्वास्थ्य का महत्व केवल शारीरिक स्वास्थ्य के बराबर नहीं, बल्कि इससे भी कहीं अधिक है और इसे प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है।