साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को, जानें किन तीन राशियों पर रहेगा खास असर
- Post By Admin on Sep 06 2025
 
                    
                    नई दिल्ली : इस वर्ष का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात को लगेगा। खगोलीय दृष्टि से यह घटना तब घटित होती है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर अपनी छाया चंद्रमा पर डाल देती है। यह न सिर्फ वैज्ञानिकों बल्कि धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक नजरिए से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
खगोल विज्ञानियों के अनुसार, चंद्र ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। लगभग 3 घंटे 28 मिनट तक चलने वाले इस ग्रहण में चंद्रमा पूर्ण रूप से पृथ्वी की छाया में रहेगा और ‘ब्लड मून’ के रूप में हल्के लाल रंग का नजर आएगा। यह दृश्य पूरे भारत में आसानी से देखा जा सकेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण से पूर्व सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से आरंभ होकर मोक्ष तक यानी रात 1:26 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं, पूजा-पाठ व भोजन वर्जित होता है। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस काल में केवल जप-ध्यान और मंत्रोच्चारण को शुभ माना गया है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह चंद्र ग्रहण भी खास है। यह शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में पड़ रहा है। राहु और चंद्रमा की युति से बना ग्रहण योग वृषभ, तुला और कुंभ राशि वालों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। वृषभ जातकों को स्वास्थ्य और व्यापार में परेशानी, तुला राशि वालों को मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान, जबकि कुंभ राशि वालों के लिए यह समय संवेदनशील माना जा रहा है।
उपाय के तौर पर ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि वृषभ राशि वाले सफेद वस्त्र पहनें और दूध का दान करें, तुला राशि वाले देवी लक्ष्मी की पूजा कर वस्त्र दान करें और कुंभ राशि वाले महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करना, भगवान को भोग अर्पित करना और जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना गया है।
 
                             
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