शुक्र प्रदोष व्रत : महादेव को प्रसन्न करने से जीवन में आएगा सौभाग्य
- Post By Admin on Sep 04 2025

नई दिल्ली : भाद्रपद मास की शुक्ल त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाला शुक्र प्रदोष व्रत इस बार 5 सितंबर को मनाया जाएगा। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। मान्यता है कि श्रद्धा और विधि-विधान से व्रत रखने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
दृक पंचांग के अनुसार, शुक्र प्रदोष व्रत 5 सितंबर की सुबह 4:08 बजे से आरंभ होगा और 6 सितंबर की सुबह 3:12 बजे तक चलेगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त पूर्वाह्न 11:54 से 12:45 तक रहेगा, जबकि राहुकाल प्रातः 10:45 से 12:20 तक रहेगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और दांपत्य संबंध मजबूत होते हैं। पूजा विधि के तहत भक्तों को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर घर के पूजा स्थल को शुद्ध कर रंगोली व मंडप बनाना चाहिए। इसके बाद कुश के आसन पर बैठकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
भोलेनाथ का जल, दूध, दही, घी, शहद से अभिषेक करने के बाद बेलपत्र, फूल, इत्र, जनेऊ, तिल, गेहूं, और शक्कर अर्पित किए जाते हैं। संध्या के समय पूजा-अर्चना कर प्रदोष व्रत कथा का श्रवण और शिव आरती करना शुभ माना जाता है।
पूजा पूर्ण होने के बाद घर के सदस्यों को प्रसाद वितरण, ब्राह्मण भोजन और जरूरतमंदों को अन्नदान करने की परंपरा है। अगले दिन व्रत का पारण कर व्रत सम्पन्न किया जाता है।