प्रदोष व्रत पर भक्तिभाव से करें इस स्तुति का पाठ, भोलेनाथ बरसाएंगे कृपा
- Post By Admin on Feb 25 2025

नई दिल्ली : फरवरी का आखिरी प्रदोष व्रत मंगलवार, 25 फरवरी 2025 को रखा जाएगा। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) कहा जाता है। इस दिन शिव भक्त विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना करते हैं और व्रत रखते हैं।
मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की नटराज स्तुति का पाठ करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इससे जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग खुलता है।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल आरंभ : शाम 06:00 बजे
प्रदोष काल समाप्त : रात 08:30 बजे
पूजा का उत्तम समय : शाम 06:15 बजे से 07:45 बजे तक
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव का विधिपूर्वक पूजन करने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है। मंगलवार के दिन पड़ने वाले भौम प्रदोष व्रत को करने से विशेष रूप से स्वास्थ्य लाभ, ऋण मुक्ति और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।
नटराज स्तुति का पाठ करने के लाभ
भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है, नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएं दूर होती हैं, मन और मस्तिष्क शांत रहता है और आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति का वरदान मिलता है।
कैसे करें प्रदोष व्रत की पूजा?
प्रातः काल स्नान कर व्रत का संकल्प लें। दिनभर फलाहार करें और सात्विक आहार ग्रहण करें। सूर्यास्त के समय स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। प्रदोष काल में भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, चंदन, फूल और जल अर्पित करें और नटराज स्तुति का पाठ करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
घी का दीपक जलाकर आरती करें और प्रसाद बांटें।
इस विशेष दिन पर शिव जी की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।