इंदिरा एकादशी 2025 : पितृ तर्पण से मिलेगा मोक्ष, जानें व्रत की महिमा और उपाय

  • Post By Admin on Sep 16 2025
इंदिरा एकादशी 2025 : पितृ तर्पण से मिलेगा मोक्ष, जानें व्रत की महिमा और उपाय

नई दिल्ली : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की इंदिरा एकादशी इस बार बुधवार को मनाई जाएगी। हिंदू धर्मशास्त्रों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से व्रत और पितृ तर्पण करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त उपलब्ध नहीं होगा, जबकि राहुकाल दोपहर 12:15 बजे से 1:47 बजे तक रहेगा। इस दौरान शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में विराजमान रहेंगे।

गरुड़ पुराण में कहा गया है कि इंदिरा एकादशी का व्रत पापों का नाश करने वाला और आत्मा को उच्च लोक में ले जाने वाला होता है। वहीं पद्म पुराण के अनुसार, इस व्रत का पुण्यफल हजारों वर्षों की तपस्या और कन्यादान से भी अधिक होता है।

इस पावन दिन पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं। दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है। काले कपड़े में काले तिल और दाल रखकर गाय को खिलाना भी पितरों को तृप्त करता है। इसके अलावा, पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर परिक्रमा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

धार्मिक मान्यता है कि विष्णु सहस्रनाम का पाठ और 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है। जरूरतमंदों को घी, दूध, दही और चावल का दान करने से भी पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

धर्मशास्त्र मानते हैं कि इंदिरा एकादशी न केवल पितरों के उद्धार का साधन है, बल्कि व्रती के जीवन को भी सुख, शांति और समृद्धि से भर देती है। इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति भाव से करने पर पितरों को वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है और परिवार पर सदैव उनका आशीर्वाद बना रहता है।