भाई दूज पर अमृत चौघड़िया में करें तिलक, इन राशियों को मिलेगा अपार सौभाग्य

  • Post By Admin on Oct 22 2025
भाई दूज पर अमृत चौघड़िया में करें तिलक, इन राशियों को मिलेगा अपार सौभाग्य

नई दिल्ली : दीपावली के पांच दिवसीय पर्व का समापन भाई दूज के शुभ अवसर पर होता है, जो भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।

रक्षाबंधन की तरह ही इस दिन बहन अपने भाई के दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हुए तिलक करती है, आरती उतारती है और उसे अपने हाथों से भोजन कराती है। बदले में भाई जीवनभर उसकी रक्षा का वचन देता है और उपहार भेंट करता है।

इस वर्ष का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर रात 8:17 बजे से शुरू होकर 23 अक्टूबर रात 10:47 बजे तक रहेगी। चूंकि पर्व उदया तिथि के अनुसार मनाया जाता है, इसलिए भाई दूज 23 अक्टूबर, गुरुवार को मनाना शुभ रहेगा।
पूजन और तिलक का सर्वोत्तम समय दोपहर 12:05 से 2:54 बजे तक रहेगा।

  • 12:05 से 1:30 बजे तक ‘शुभ चौघड़िया’

  • 1:30 से 2:54 बजे तक ‘अमृत चौघड़िया’
    इन दोनों चौघड़ियों में तिलक करने से भाई के जीवन में सौभाग्य, आयु और सफलता के योग बढ़ते हैं।

यम-यमुना की पौराणिक कथा
भाई दूज की पौराणिक कथा सूर्यपुत्र यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ी है। मान्यता है कि यमराज लंबे समय बाद कार्तिक शुक्ल द्वितीया को अपनी बहन यमुना से मिलने पहुंचे थे। यमुना ने अपने भाई का तिलक कर स्वादिष्ट भोजन कराया, जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि जो बहन इस दिन अपने भाई को तिलक करेगी, उसके भाई को कभी अकाल मृत्यु का भय नहीं होगा। तभी से यह दिन यम द्वितीया कहलाया।

ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ राशियां
इस वर्ष भाई दूज पर चंद्रमा तुला राशि में गोचर कर रहा है, जो कई राशियों के लिए विशेष फलदायी रहेगा —

  • मेष राशि: माता-पिता का आशीर्वाद और मानसिक शांति मिलेगी। धन लाभ के भी योग बनेंगे।

  • कन्या राशि: पारिवारिक वातावरण में सौहार्द बढ़ेगा और भाई-बहन के रिश्ते मजबूत होंगे।

  • धनु राशि: शुभ समाचार और व्यापार में लाभ के संकेत हैं।

विशेष उपाय
ज्योतिषियों के अनुसार, यदि इस दिन भाई अपनी बहन को सफेद रंग की वस्तुएं, मिठाई या चांदी के उपहार दें, तो यह विशेष शुभ फलदायक होता है।

भाई दूज का संदेश यही है — प्रेम, विश्वास और आशीर्वाद की वह डोर, जो हर रिश्ते को स्नेह से जोड़ती है।