मनीष सिसोदिया की सीट क्यों बदली गई, पटपड़गंज से हटा भरोसा
- Post By Admin on Dec 09 2024
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में बड़े बदलाव देखने को मिले जहां कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए। वहीं कुछ सीटों पर नए चेहरों को उतारा गया है। सबसे चौंकाने वाला फैसला पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीट बदलने का है। पटपड़गंज सीट से लगातार जीतते आ रहे सिसोदिया इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ेंगे। उनकी पुरानी सीट पटपड़गंज पर पार्टी ने चर्चित शिक्षक अवध ओझा को मैदान में उतारा है।
पटपड़गंज सीट से हटने की वजहें
2020 के चुनाव में भले ही ‘आप’ को प्रचंड बहुमत मिला हो लेकिन मनीष सिसोदिया की पटपड़गंज सीट पर जीत मात्र 3,000 वोटों के अंतर से हुई थी। बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र सिंह नेगी ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। सूत्रों के मुताबिक, इस बार आंतरिक सर्वेक्षण में भी पटपड़गंज सीट से पार्टी को सकारात्मक फीडबैक नहीं मिला।
दूसरी वजह ये थी कि कथित शराब घोटाले में जेल जाने के बाद सिसोदिया को तिहाड़ में लंबा वक्त बिताना पड़ा। उनकी गैरमौजूदगी में पटपड़गंज में कामकाज प्रभावित हुआ और बीजेपी ने यहां अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की। ऐसे में पार्टी रणनीतिकारों ने यह सीट सिसोदिया के लिए असुरक्षित मानते हुए उन्हें जंगपुरा जैसी सुरक्षित सीट से उतारने का फैसला किया।
अवध ओझा को पटपड़गंज क्यों?
पटपड़गंज सीट पर पूर्वांचल और उत्तराखंड के मतदाताओं का बड़ा प्रभाव है। पार्टी ने यहां पूर्वांचली चेहरा देने के लिए हाल ही में राजनीति में आए चर्चित शिक्षक अवध ओझा को चुना। उत्तर प्रदेश के गोंडा से ताल्लुक रखने वाले ओझा की पहचान पूर्वांचल के मतदाताओं के बीच मजबूत है जिसे भुनाने के लिए आप ने यह कदम उठाया।
जंगपुरा से सिसोदिया को उतारने का कारण
जंगपुरा को ‘आप’ के लिए सुरक्षित सीट माना जाता है। 2015 और 2020 में यहां पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण कुमार ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। पार्टी ने प्रवीण को इस बार जनकपुरी से उतारा है और जंगपुरा को सिसोदिया के लिए सुरक्षित विकल्प के रूप में चुना है।