नीतीश सरकार की शिक्षक नीति पर राजद ने उठाए सवाल, उच्च न्यायालय ने लिया संज्ञान
- Post By Admin on Nov 19 2024

पटना : राजद प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार सरकार की शिक्षक नीति को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को शिक्षा और शिक्षकों से भारी नफरत और घृणा है, जिसके कारण सरकार उनके स्थानांतरण और बहाली के मामलों को लटकाती रहती है। गगन ने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा हमेशा शिक्षकों को फंसाने और उन्हें परेशान करने की रही है।
गगन ने विशेष रूप से बिहार में पिछले कुछ वर्षों में शिक्षकों की नियुक्ति और स्थानांतरण नीति को निशाना बनाते हुए कहा कि जब से बिहार में एनडीए सरकार बनी है, तब से ही शिक्षक बहाली और उनके अधिकारों को लेकर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने बताया कि अगर तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिलता, तो आज भी शिक्षक अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे होते। हालांकि तेजस्वी यादव के प्रयासों के बाद ही राज्य सरकार को मजबूर होकर शिक्षक बहाली की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर शिक्षक बहाली में अड़चनें डालीं, लेकिन तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया और सरकार को बहाली की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मजबूर किया।” गगन ने आरोप लगाया कि अब सरकार के सामने यह बाध्यता है कि जल्द से जल्द बाकी पदों पर भी शिक्षकों की बहाली की जाए।
गगन ने यह भी कहा कि नियोजित शिक्षकों के लिए बनाई गई स्थानांतरण नीति एक कदम और प्रताड़ना है। उन्होंने आरोप लगाया कि 10 अनुमंडलों का विकल्प देने का निर्णय अव्यवहारिक और अमानवीय है। “यह निर्णय उन शिक्षकों के लिए कष्टदायक है जो 20 वर्षों से सेवा दे रहे हैं और अब उनके पास बहुत कम सेवा बची है। ऐसे में उनका स्थानांतरण किसी दूर-दराज के क्षेत्र में किया जा रहा है, जो उनके बुजुर्ग माता-पिता के लिए एक बड़ा संकट है।”
राजद प्रवक्ता ने यह भी मांग की कि पुरुष शिक्षकों को अपने गृह पंचायत के नजदीकी पंचायतों में ही पदस्थापित किया जाए, और महिला शिक्षकों को उनके गृह पंचायत या ससुराल में नियुक्ति दी जाए, ताकि वे अपने परिवार की देखभाल करते हुए शिक्षा कार्य कर सकें। प्रेस कांफ्रेंस में राजद के प्रदेश सचिव शशि सिंह यादव, जिला उपाध्यक्ष शत्रुघ्न लोहिया, जिला महासचिव बिंदेश्वर दास सहित कई अन्य नेता भी उपस्थित थे।