प्रशांत किशोर का नया दांव, राइट टू रिकॉल और जनता से करवाएंगे उम्मीदवार चयन

  • Post By Admin on Oct 04 2024
प्रशांत किशोर का नया दांव, राइट टू रिकॉल और जनता से करवाएंगे उम्मीदवार चयन

पटना : चुनावी रणनीति और प्रबंधन के क्षेत्र में प्रसिद्ध, प्रशांत किशोर लगातार दो वर्षों तक पदयात्रा करने के बाद जन सुराज अभियान को एक नई राजनीतिक पार्टी में बदलकर बिहार को अगले एक साल तक विधानसभा चुनाव के लिए जन सुराज पार्टी को पहले चर्चा और आगे रेस में लाने के लिए एक के बाद एक कई नमूना दिखाने वाले हैं। 

2020 के चुनाव में पहले चरण का नामांकन 1 अक्टूबर से शुरू हो गया था। उस हिसाब से देखें तो चुनाव में अब एक साल से भी कम समय रह गया है। जन सुराज पार्टी स्थापना के दौरान पीके ने कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती के नाम के ऐलान के साथ ही कहा था कि सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया मार्च तक पूरी होगी जब पहले पूर्णकालिक अध्यक्ष का चुनाव होगा। 

प्रशांत किशोर की योजना स्पष्ट दिख रही हैं कि अगस्त-सितंबर तक पार्टी के लिए इवेंट दर इवेंट का ऐसा प्लान बनाया है जिस पर चर्चा और बहस करते-करते वोटर जन सुराज पार्टी को रेस में गिनने लगें। यह ठीक वैसे ही हैं जैसे कंपनियां लाखों रुपये खर्च करती हैं अपने ब्रांड रिकॉल के लिए ताकि लोग उसे भूल ना जाएं।विज्ञापन के  जगत में इसे रिकॉल वैल्यू कहते हैं।

प्रशांत किशोर का कहना है कि उनकी पार्टी का उम्मीदवार चयन प्रक्रिया अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव जैसी होगी। उन्होने कहा कहा कि, “लोकतंत्र की जननी बिहार से जन सुराज ये नया मापदंड तैयार करेगा। हर विधानसभा में जो लोग उम्मीदवारी चाहते हैं, उनका नाम चुना जाएगा और मार्च से पहले उनका नाम सार्वजनिक किया जाएगा। मार्च से नवंबर तक पार्टी के संस्थापक सदस्य और वोटर पांच-छह नेताओं को जांचने-परखने के बाद छह महीना में जिस पर मोहर लगा देंगे, वही जनता का और जन सुराज पार्टी का उम्मीदवार बन जाएगा.”

कैंडिडेट चयन की स्थानीय प्रक्रिया मार्च-अप्रैल में हर विधानसभा क्षेत्र के लिए 5 संभावित उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएंगे। इन उम्मीदवारों को अपने क्षेत्रों में जाकर जनता का समर्थन जुटाने का मौका मिलेगा। यह प्रक्रिया लोगों को एक वैकल्पिक चुनावी रेस का अनुभव देगी, जहां हर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता अपने भविष्य के प्रतिनिधि का चयन करेंगे।

प्रशांत किशोर ने जनप्रतिनिधियों के कामकाज की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए राइट टू रिकॉल की बात भी की है। उन्होंने कहा कि, “लोग कहता है कि कितना भी अच्छा चुन लीजिए, चुनने के बाद बिगड़ जाता है। जन सुराज संविधान में राइट टू रिकॉल लिख रहा है। टिकट आप दिए। आपसे टिकट और आपका वोट लेने के बाद कोई बदमाशी, भ्रष्टाचार चालू किया तो उसकी चाबी आपके हाथ में है। दो वर्ष का समय रहेगा। 

प्रशांत किशोर की सारी कोशिश और योजना, वोटर के सामने हर सीट पर एक ऐसा विकल्प देने की है जिसे लालू यादव, नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी को वोट नहीं देने की थोड़ी भी चाह रखने वाला लपक ले। अपनी योजना के तहत पीके बिहार के हर मतदाता तक यह संदेश पहुँचाना चाहते हैं कि जन सुराज पार्टी एक ऐसा विकल्प है जो उनके बच्चों की पढ़ाई और रोजगार जैसे मुद्दों को प्राथमिकता देती है।