प्रशांत किशोर का दावा, 6 महीने बाद बिहार में सिर्फ जन सुराज ही दिखेगा

  • Post By Admin on Sep 27 2024
प्रशांत किशोर का दावा, 6 महीने बाद बिहार में सिर्फ जन सुराज ही दिखेगा

पटना : बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने की कोशिश में जुटे प्रशांत किशोर ने आगामी 2 अक्टूबर को अपने संगठन ‘जन सुराज’ का राजनीतिक दल बनाने से पहले एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि अगले 6 महीनों के भीतर बिहार के हर कोने में जन सुराज का ही प्रभाव दिखाई देगा।

प्रशांत किशोर ने अपने समर्थकों और आलोचकों को संबोधित करते हुए कहा, "अभी हम केवल पैदल चल रहे हैं और प्रचार अभियान शुरू भी नहीं किया है। लेकिन 6 महीने बाद आपको बिहार में हर जगह सिर्फ जन सुराज ही नजर आएगा।" यह बयान उनके आत्मविश्वास और बिहार की राजनीति में उनके दीर्घकालिक योजना का स्पष्ट संकेत है।

प्रशांत किशोर ने बताया कि इस यात्रा की शुरुआत तब हुई जब बिहार के लोग यह मानने को तैयार नहीं थे कि राज्य में सुधार हो सकता है। उन्होंने कहा, "हमने पिछले दो सालों से अपनी यात्रा जारी रखी है, चाहे मेरे आलोचक कुछ भी कहें। लेकिन सच यह है कि हम चल रहे हैं। अब लोग यह मान रहे हैं कि अगर बिहार में सुधार होगा, तो वह जन सुराज से ही होगा।"

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि उनका यह अभियान उनके समर्थकों के बीच विश्वास और उम्मीद का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा, "लोग अब कह रहे हैं कि अगर बिहार बदलेगा, तो वह जन सुराज की वजह से ही बदलेगा।" प्रशांत किशोर ने अपनी योजनाओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके पास अभी 15 महीने का समय है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। 2 अक्टूबर को उनकी पार्टी का औपचारिक गठन किया जाएगा, जिसके बाद वे बिहार में बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, "अभी तक हमने प्रचार शुरू भी नहीं किया है। हम सिर्फ पैदल चल रहे हैं। लेकिन जब दल का गठन हो जाएगा, तो आप देखेंगे कि प्रचार अभियान कैसे चलाया जाएगा।" उन्होंने आगे कहा, "छह महीने बाद, चाहे आप बैठें, सोएं या खड़े हों, आपको हर जगह जन सुराज ही दिखेगा। और कोई तीसरा विकल्प नहीं होगा।"

प्रशांत किशोर का यह बयान बिहार की राजनीति में एक नई दिशा की ओर इशारा कर रहा है। जहां एक ओर पारंपरिक राजनीतिक दल अपनी पुरानी रणनीतियों पर टिके हुए हैं, वहीं प्रशांत किशोर का जन सुराज अभियान बिहार की जनता के बीच नई उम्मीदें जगा रहा है।

हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि 2 अक्टूबर को पार्टी गठन के बाद जन सुराज का प्रचार अभियान कैसा होता है और क्या सच में प्रशांत किशोर बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने में सफल हो पाते हैं या नहीं।