पवन कल्याण की पार्टी को चुनाव आयोग से मिली मान्यता, पार्टी चिन्ह हुई आवंटित
- Post By Admin on Jan 24 2025

नई दिल्ली : भारतीय चुनाव आयोग (EC) ने पवन कल्याण की पार्टी, जनसेना को आंध्र प्रदेश में मान्यता दे दी है और पार्टी को एक आधिकारिक चुनाव चिन्ह, ‘कांच का ग्लास’ सौंपा है। इसके साथ ही जनसेना को मान्यता प्राप्त दलों की लिस्ट में भी शामिल किया गया है। यह घोषणा चुनाव आयोग द्वारा पवन कल्याण को भेजे गए पत्र के माध्यम से की गई।
2024 विधानसभा चुनावों में मिली ऐतिहासिक सफलता
जनसेना पार्टी के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि पिछले साल (2024) आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में पार्टी ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की थी। जनसेना ने राज्य की 21 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस ऐतिहासिक जीत ने पवन कल्याण की पार्टी को आंध्र प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक मजबूत स्थान दिलवाया और अब चुनाव आयोग ने पार्टी को आधिकारिक मान्यता दे दी है।
10 साल पहले की थी पार्टी की स्थापना
पवन कल्याण ने अपनी राजनीतिक यात्रा 2014 में शुरू की थी जब उन्होंने अपनी खुद की पार्टी ‘जनसेना’ बनाई। इससे पहले, पवन के बड़े भाई और तेलुगू फिल्म उद्योग के सुपरस्टार चिरंजीवी ने 2008 में ‘प्रजा राज्यम पार्टी’ की स्थापना की थी। जिसमें पवन को यूथ विंग ‘युवाराज्यम’ का अध्यक्ष बनाया गया था। हालांकि, 2011 में चिरंजीवी ने अपनी पार्टी को कांग्रेस में मिला लिया। जिसके बाद पवन ने राजनीति से ब्रेक लिया और बाद में 2014 में अपनी अलग पार्टी बनाई।
बीजेपी और TDP के साथ राजनीतिक सफर
पवन कल्याण ने 2014 में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और तेलुगू राज्यों के मुद्दों पर समर्थन मांगा। इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देसम पार्टी (TDP) का समर्थन किया। हालांकि, पवन ने खुद चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उन्होंने नायडू के लिए रैलियां कीं और कई सीटों पर उनकी जीत में मदद की। पवन ने सरकार बनने के बाद भी नायडू से कोई डिमांड नहीं की, बल्कि राज्य के विकास के लिए जनता से सहयोग की अपील की।
आगे की राह
अब, जनसेना को मिली मान्यता के बाद पवन कल्याण की पार्टी आंध्र प्रदेश में अपनी राजनीतिक जड़ों को और मजबूत करने में सक्षम होगी। पवन ने हमेशा यह कहा है कि उनके लिए जनता का समर्थन ही सबसे बड़ा पुरस्कार है और वह अपने नेताओं से भी यही अपेक्षा रखते हैं।
जनसेना को मिली यह मान्यता न केवल पार्टी के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक नई ताकत के उभरने का संकेत भी है।