गाढ़ा रक्त बन सकता है जानलेवा खतरा, समय रहते अपनाएं आयुर्वेदिक उपचार
- Post By Admin on Sep 22 2025

नई दिल्ली : खून हमारे शरीर का जीवनदायिनी तत्व है, जो ऑक्सीजन और पोषण को हर कोशिका तक पहुंचाता है। लेकिन जब रक्त असामान्य रूप से गाढ़ा हो जाता है, तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक जीवनशैली, गलत खानपान और लगातार तनाव इसे और बढ़ाते हैं।
गाढ़ा रक्त अक्सर 'साइलेंट रिस्क फैक्टर' के रूप में कार्य करता है, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते। मुख्य कारणों में पानी की कमी सबसे प्रभावशाली है, जबकि धूम्रपान, शराब का सेवन, प्रोसेस्ड फूड और कुछ दवाइयां जैसे गर्भनिरोधक गोलियां भी इसे बढ़ाती हैं। कुछ दुर्लभ बीमारियां, जैसे पॉलीसिथेमिया वेरा, शरीर में अत्यधिक रेड ब्लड सेल्स का निर्माण कर रक्त गाढ़ा कर देती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, गाढ़ा रक्त ‘रक्तदोष’ से जुड़ा है, जिसमें पित्त दोष और 'आम' की अधिकता से हृदय पर दबाव बढ़ता है और थकान, हाथ-पांव में समस्या और ब्लड प्रेशर जैसी परेशानियां उत्पन्न होती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय इसे नियंत्रित करने में मददगार हैं। पर्याप्त जल सेवन (2.5-3 लीटर), ओमेगा-3 युक्त आहार जैसे अलसी, चिया बीज, अखरोट और समुद्री मछलियां, लहसुन, हरी पत्तेदार सब्जियां, नियमित व्यायाम और योग रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं।
धूम्रपान और मदिरापान से परहेज करना आवश्यक है, साथ ही मानसिक तनाव को नियंत्रित करना भी रक्त पतला रखने में मदद करता है। त्रिफला, गिलोय, हल्दी, सौंफ और धनिया जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां रक्त को शुद्ध और पतला करने में सहायक हैं। विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर अनार और आंवला भी रक्त प्रवाह को संतुलित करने में कारगर हैं।
सात्विक भोजन और नाड़ी शोधन प्राणायाम को अपनाकर रक्त की गुणवत्ता सुधारना संभव है और स्वास्थ्य को बनाए रखना आसान हो सकता है।