स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन काउंसलिंग पर कार्यशाला आयोजित

  • Post By Admin on Mar 06 2025
स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन काउंसलिंग पर कार्यशाला आयोजित

लखीसराय : जिले के अभय नाथ होटल में मिशन परिवार विकास के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा ANM/SN/CHO का परिवार नियोजन काउंसलिंग पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर DCM आशुतोष सिंह, FP Counselor जिला अस्पताल, PFI से मुकेश कुमार झा और PSI से अमित कुमार ने भी उपस्थिति दर्ज की।

सिविल सर्जन ने कार्यशाला के दौरान परिवार नियोजन में काउंसलिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग के माध्यम से परामर्शदाता और क्लाइन्ट के बीच एक मजबूत और सौहार्दपूर्ण संबंध बनता है, जिससे क्लाइन्ट सहज महसूस करता है और सही विकल्प चुनने में सक्षम होता है। इस संबंध में सिविल सर्जन ने विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया, जिनका पालन काउंसलिंग के दौरान किया जाना चाहिए।

काउंसलिंग के प्रमुख बिंदु 

गोपनीयता और एकांत जगह : काउंसलिंग में गोपनीयता बनाए रखना और एकांत स्थान का चयन करना आवश्यक है ताकि क्लाइन्ट अपनी बात बिना किसी डर के साझा कर सके।

सहज भाषा का प्रयोग : काउंसलिंग के दौरान सरल और स्थानीय भाषा का प्रयोग करना चाहिए ताकि क्लाइन्ट को पूरी जानकारी सही ढंग से समझ में आ सके।

दृश्य-श्रव्य साधन का प्रयोग : प्रजनन अंगों के मॉडल और गर्भनिरोधक सामग्री की मदद से क्लाइन्ट को जानकारी देना चाहिए।

प्रश्न पूछने की स्वतंत्रता : क्लाइन्ट को अपनी शंकाएं पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि वे पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें।

समय और सहानुभूति : काउंसलिंग के दौरान पर्याप्त समय देना और क्लाइन्ट की भावनाओं को समझकर सहानुभूति दिखाना आवश्यक है।

काउंसलिंग के दौरान बचने योग्य बातें

कार्यशाला में सिविल सर्जन ने परामर्शदाता को कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए, जिनसे बचना चाहिए, जैसे कि क्लाइन्ट को निर्णय लेने में बाधा डालना, क्लाइन्ट का मूल्यांकन करना और उपदेश देने की बजाय उसे स्वविवेक से निर्णय लेने का अवसर देना।

परिवार नियोजन में काउंसलिंग का महत्व

सिविल सर्जन ने बताया कि परिवार नियोजन के संदर्भ में काउंसलिंग की अहम भूमिका है। यह क्लाइन्ट को सही जानकारी और विकल्प देने के साथ ही उनके अधिकारों की सुरक्षा भी करती है। काउंसलिंग से क्लाइन्ट को प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े अपने निर्णयों को समझने और उन्हें लागू करने में मदद मिलती है।