महाराष्ट्र में बढ़ रहे गुलियन बैरे सिंड्रोम के मामले, पुणे में सबसे ज्यादा प्रभावित

  • Post By Admin on Feb 15 2025
महाराष्ट्र में बढ़ रहे गुलियन बैरे सिंड्रोम के मामले, पुणे में सबसे ज्यादा प्रभावित

पुणे :  गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सस्पेक्टेड और कंफर्म्ड मामलों की संख्या मिलाकर अब तक कुल 205 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 177 मामले कंफर्म हैं, जिनमें से 20 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। इस गंभीर बीमारी के कारण अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से एक 53 साल के व्यक्ति की मौत मुंबई में हुई है।

पुणे में सबसे ज्यादा मामले

महाराष्ट्र में इस दुर्लभ और खतरनाक बीमारी के सबसे ज्यादा मामले पुणे से सामने आए हैं, हालांकि कुछ मामले मुंबई जैसे बड़े शहर में भी दर्ज किए गए हैं। 53 वर्षीय व्यक्ति की मुंबई के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई, जो शहर में इस बीमारी से होने वाली पहली मौत है।

गुलियन-बैरे सिंड्रोम क्या है?

गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक गंभीर और दुर्लभ ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी गलती से नर्वस सिस्टम पर हमला करती है। यह मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नपन और कभी-कभी पूर्ण लकवा (पैरालिसिस) का कारण बन सकता है। इसके कारण मरीज को सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है, जिससे वेंटिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता पड़ सकती है।

GBS के लक्षण

गुलियन-बैरे सिंड्रोम के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं। इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं।

हाथ-पैरों में झुनझुनी और सुन्नपन 

यह लक्षण पहले पैरों और हाथों में महसूस होते हैं और फिर यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं।

मांसपेशियों की कमजोरी 

शुरू में पैरों में कमजोरी होती है, फिर यह धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ सकती है, जिससे चलने-फिरने में कठिनाई होती है।

सांस लेने में दिक्कत 

गंभीर मामलों में सांस लेने की मांसपेशियों पर असर पड़ सकता है, जिससे वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है।

तेज धड़कन और ब्लड प्रेशर में गड़बड़ी 

यह ऑटोनॉमिक नर्व सिस्टम पर असर डालता है, जिससे ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव और हार्टबीट की अनियमितता हो सकती है।

चेहरे और आंखों की मांसपेशियों पर असर 

कुछ मामलों में चेहरे की नसें प्रभावित हो सकती हैं, जिससे बोलने, चबाने और देखने में समस्या हो सकती है।

स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता की आवश्यकता

यदि किसी व्यक्ति को उपर्युक्त लक्षण महसूस हों, खासकर किसी वायरल संक्रमण, फ्लू या डेंगू जैसी बीमारी के बाद, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। शुरुआती पहचान और उचित इलाज से इस बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

कुल मिलाकर, महाराष्ट्र में गुलियन-बैरे सिंड्रोम के बढ़ते मामलों के बीच लोगों को सावधान रहने और किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत चिकित्सा सलाह लेने की सलाह दी जा रही है।