मानसिक थकान और उदासी को न करें नजरअंदाज, योगाभ्यास और प्राणायाम में छिपा है समाधान
- Post By Admin on Aug 04 2025
 
                    
                    नई दिल्ली : भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में मानसिक थकान, निराशा और उदासी आम होती जा रही है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि यह स्थिति दो सप्ताह से अधिक बनी रहती है, तो यह डिप्रेशन, एंग्जायटी या इमोशनल बर्नआउट जैसे गंभीर मानसिक विकारों का संकेत हो सकती है। हालांकि मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह जरूरी है, लेकिन आयुष मंत्रालय का कहना है कि योग और विशेष रूप से प्राणायाम के जरिए मानसिक स्थिरता और शांति हासिल की जा सकती है।
प्राणायाम न केवल मस्तिष्क को आराम देता है, बल्कि यह सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे 'हैपी हार्मोन' के स्तर को संतुलित कर मानसिक संतुलन बहाल करता है। यह तनाव, चिड़चिड़ापन, नींद की कमी और नकारात्मक विचारों को नियंत्रित करने में सहायक है।
जानिए कौन-से प्राणायाम और आसन दे सकते हैं मानसिक शांति:
भस्त्रिका प्राणायाम – यह गहरी और तेज सांसों के जरिए मानसिक ऊर्जा को बढ़ाता है। नियमित 3–5 मिनट के अभ्यास से मानसिक स्पष्टता और ताजगी मिलती है। यह ऑक्सीजन का प्रवाह तेज कर तनाव को कम करता है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम – यह एक शांत और संतुलित सांस प्रक्रिया है जो भावनात्मक संतुलन लाने में मदद करती है। यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है और बेहतर नींद के लिए भी उपयोगी माना गया है।
बालासन (चाइल्ड पोज) – यह आसन डीप रिलैक्सेशन देता है और मानसिक भय, तनाव और असुरक्षा की भावना को कम करता है। इसे आत्मिक शांति का आसन भी कहा जाता है।
शवासन – तनाव, थकावट, सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या में शवासन बेहद कारगर है। यह पूरे शरीर और मन को शांत करता है और ब्लड प्रेशर को भी संतुलित करता है।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि योग और प्राणायाम को जीवनशैली का हिस्सा बनाकर मानसिक संतुलन और सकारात्मक सोच को बनाए रखा जा सकता है। विशेष रूप से युवाओं और कार्यरत पेशेवरों के बीच इन तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक है।
 
                             
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