प्रोस्टेट के लक्षण दिखें तो न करें अनदेखी, होम्योपैथिक इलाज से सर्जरी टालना संभव

  • Post By Admin on Dec 31 2025
प्रोस्टेट के लक्षण दिखें तो न करें अनदेखी, होम्योपैथिक इलाज से सर्जरी टालना संभव

बेंगलुरु : पुरुषों में बढ़ती प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं को लेकर अरुणोदय होम्योपैथिक सेवा सदन, बेंगलुरु (कर्नाटक) के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अरुण कुमार सिंह ने लोगों को जागरूक किया है। उन्होंने कहा कि प्रोस्टेट से जुड़े लक्षणों को शुरुआती चरण में पहचानकर यदि सही उपचार कराया जाए, तो गंभीर जटिलताओं और सर्जरी से बचा जा सकता है।

डॉ. सिंह के अनुसार, प्रोस्टेट पुरुष प्रजनन तंत्र की एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो मूत्राशय और मलाशय के नीचे स्थित होती है। यह ग्रंथि शुक्राणुओं को पोषण देने वाला तरल पदार्थ बनाती है। उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट का आकार बढ़ना आम बात है, लेकिन यही स्थिति आगे चलकर पेशाब की परेशानी, प्रोस्टेटाइटिस (सूजन) या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।

प्रोस्टेट के कार्य और संरचना

विशेषज्ञों के मुताबिक प्रोस्टेट का मुख्य कार्य वीर्य के निर्माण में सहायता करना, स्खलन के समय वीर्य को बाहर निकालने में मदद करना और पुरुष हार्मोनों के संतुलन में भूमिका निभाना है। आकार में यह अखरोट के समान होता है और मूत्र मार्ग के ठीक पास स्थित होने के कारण इसके बढ़ने पर मूत्र प्रवाह प्रभावित होता है।

आम समस्याएं और चेतावनी संकेत

उम्र के साथ प्रोस्टेट का बढ़ जाना एक सामान्य समस्या है। इसके प्रमुख लक्षणों में पेशाब करने में कठिनाई, पेशाब की धार का कमजोर या धीमा होना, रात में बार-बार पेशाब आना और पेशाब के बाद भी मूत्राशय पूरी तरह खाली न होने का एहसास शामिल है। कुछ मामलों में प्रोस्टेट में सूजन या कैंसर का खतरा भी रहता है।

समय पर इलाज पर जोर

डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि पुरुषों को इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श लेने से बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है और आगे की जटिलताओं से बचाव संभव है।

होम्योपैथी में उपलब्ध उपचार विकल्प

डॉ. सिंह के अनुसार, होम्योपैथी में प्रोस्टेट रोगों के लिए कई प्रभावी औषधियां उपलब्ध हैं, जिनका चयन रोगी के लक्षणों के आधार पर किया जाता है। उन्होंने कुछ प्रमुख दवाओं की जानकारी भी साझा की—

  • Conium 30: बार-बार पेशाब आना, पेशाब का शुरू होकर रुक जाना और अंत में बूंद-बूंद टपकना जैसे लक्षणों में उपयोगी।
    खुराक: 2 बूंदें एक चम्मच साधारण पानी में मिलाकर दिन में दो बार।

  • Staphysagria 200: पेशाब करते समय दर्द, मूत्रमार्ग में जलन, मूत्राशय पूरी तरह खाली न होने का एहसास और मूत्रमार्ग में दर्द की शिकायत में लाभकारी।
    खुराक: 2 बूंदें एक चम्मच पानी में मिलाकर दिन में दो बार।

  • Baryta Carb 30: विशेष रूप से बुजुर्गों में प्रोस्टेट बढ़ने की समस्या, साथ में याददाश्त कमजोर होना या अन्य अपक्षयी रोग होने पर उपयोगी।
    खुराक: 2 बूंदें एक चम्मच पानी में मिलाकर दिन में दो बार।

  • Sabal Serrulata Q: प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने के अधिकांश मामलों में लोकप्रिय औषधि, जिससे कई रोगियों को अच्छे परिणाम मिले हैं।
    खुराक: 10 बूंदें एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में तीन बार।

  • Thuja Occidentalis 200: मूत्रमार्ग में सूजन, पेशाब की धार का बंट जाना, पेशाब के बाद तेज दर्द और अचानक नियंत्रित न हो पाने वाली पेशाब की इच्छा में उपयोगी।
    खुराक: 2 बूंदें एक चम्मच पानी में मिलाकर सुबह-शाम, एक दिन छोड़कर एक दिन।

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रोस्टेट पुरुषों के स्वास्थ्य से जुड़ी एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथि है। उम्र के साथ इसमें होने वाले बदलाव स्वाभाविक हो सकते हैं, लेकिन लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है। जागरूकता, समय पर जांच और सही उपचार से प्रोस्टेट रोगों को गंभीर होने से रोका जा सकता है।