सास, साली और दो नाबालिग बच्चों के हत्यारे को सुप्रीम कॉर्ट ने दी ये सजा
- Post By Admin on Mar 05 2025

नई दिल्ली : अपने दो छोटे बच्चों की निर्मम हत्या करने वाले पूर्व बैंक मैनेजर को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को कम करते हुए उम्रभर की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि दोषी रमेश ए. नाइका को अब अपनी पूरी जिंदगी जेल में ही बितानी होगी और उसे किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दी सजा में बदलाव
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बीते 13 फरवरी को इस मामले में अपने पहले के फैसले को बरकरार रखते हुए नाइका की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने इस फैसले में कहा, ‘‘हम अपीलकर्ता की सजा को बरकरार रखते हैं, लेकिन अब उसे जेल में ही अपने प्राकृतिक अंत का इंतजार करना होगा।’’
सजा में बदलाव के कारण
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नाइका का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था और इसे एक दुर्लभतम अपराध मानते हुए फैसले में नरमी बरती गई। हालांकि, कोर्ट ने यह भी बताया कि बच्चों की हत्या की बर्बरता और अपराध की गंभीरता को नकारा नहीं जा सकता। फैसले को लिखने वाले जस्टिस करोल ने कहा, ‘‘यह सोचने की कोई जगह नहीं होनी चाहिए कि हम इस घृणित अपराध को माफ कर रहे हैं।’’
नाइका ने किस तरह की हिंसा की थी?
नाइका ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ घृणित अपराध किया था। उसने अपनी साली को केवल इस कारण मार डाला था कि वह एक अलग जाति के व्यक्ति से प्रेम करती थी। इसके बाद उसने अपनी सास को भी ‘‘बिना किसी गलती के’’ मारा। इसके अलावा, उसने 16 जून, 2010 को अपनी साली और सास की हत्या के बाद उनके शवों को अपने पैतृक गांव के घर के सेप्टिक टैंक में फेंक दिया और फिर अगले दिन अपने बच्चों को लेकर मैंगलोर वापस आ गया। उसने अपने 10 साल के बेटे और 3.5 साल की बेटी को शहर घुमाने के बहाने टैक्सी में बैठाया और उन्हें एक बगीचे में ले जाकर पानी की टंकी में डुबोकर मार डाला।
मामले का विवरण और अभियोजन
अभियोजन पक्ष के अनुसार, नाइका और उसकी पत्नी दोनों ही सोलापुर और मैंगलोर में बैंक मैनेजर के रूप में काम कर रहे थे और उनके दो बच्चे थे। 16 जून 2010 को नाइका ने अपनी साली और सास की हत्या करने के बाद उनके शवों को अपने घर के सेप्टिक टैंक में छिपा दिया। इसके बाद, उसने बच्चों को मारने की योजना बनाई और उन्हें बगीचे में ले जाकर पानी की टंकी में डुबो दिया।
इस घटना के बाद नाइका को गिरफ्तार किया गया और उसे अदालत द्वारा सजा सुनाई गई। अब सुप्रीम कोर्ट ने उसके द्वारा की गई हत्या की बर्बरता को देखते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है।