केसरिया में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी मनरेगा योजना

  • Post By Admin on Apr 03 2024
केसरिया में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी मनरेगा योजना

मोतिहारी : देश की सबसे बड़ी रोजगार योजना मनरेगा अब पूरे तरीके से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है. भ्रष्टाचारियों ने इस अतिमहत्वाकांक्षी योजना में भी सेंधमारी करके पूरी योजना पर पलीता लगा दिया है. इस योजना का मकसद था कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों को रोजगार मिल सके ताकि वे रोजगार के लिए बाहरी प्रदेशों में ना जाएं. मगर मनरेगा के जिम्मेदारों ने ही इस योजना में इस कदर लूट मचाई कि सरकार की पूरी मंशा धराशाई होकर रह गई है. जिले के केसरिया प्रखंड में इस योजना ने भ्रष्टाचार एवं अनियमितता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. केसरिया प्रखंड में तो सारे नियमों को ताक पर रखकर विभागीय अधिकारियों से लेकर पंचायती राज के प्रतिनिधि तक मनरेगा की योजनाओं में गड़बड़ी कर रहे हैं. मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी एवं हो रहे भ्रष्टाचार का ताजा मामला केसरिया प्रखंड के बिजधरी पूर्वी सुंदरापुर पंचायत से प्रकाश में आया है. स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता चंदेश्वर चौधरी ने पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मनरेगा) एवं केसरिया प्रखंड मनरेगा के पीओ को अलग-अलग आवेदन भेजकर पंचायत में मनरेगा योजना और उसके तहत संचालित राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (NMMS) में की जा रही गड़बड़ी एवं सरकारी राशि के बंदरबांट का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.

महिला मजदूरों की जगह लगाया पुरुषों का फोटो

मनरेगा के सरकारी पोर्टल पर बिजधरी पूर्वी सुंदरापुर पंचायत में जिन योजनाओं पर काम किया गया है, उनमें मास्टर रौल में महिलाओं का नाम है जबकि पोर्टल पर महिला मजदूरों की जगह पुरुष मजदूरों की तस्वीर लगी है. इतना ही नहीं मनरेगा कर्मियों एवं प्रतिनिधियों ने अपनी सुविधा एवं मजदूरों का पैसा बंदरबांट करने के लिए एक ही फोटो का उपयोग कई योजनाओं में किया है जो गंभीर जांच का विषय है. इतना ही नहीं यहां मनरेगा योजना में 75 से 80 वर्ष के बुजुर्गो से भी कागजी तौर पर काम लिया गया है जो नियम के विरुद्ध है.

बगैर साइन बोर्ड लगाए चल रहा योजनाओं पर काम

जिलाधिकारी को प्रेषित आवेदन में सामाजिक कार्यकर्ता चंदेश्वर चौधरी ने आरोप लगाया है कि हमारे पंचायत में मनरेगा के तहत संचालित किसी भी योजना के कार्यस्थल पर साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है. साइन बोर्ड नहीं रहने से ग्रामीणों को संबंधित योजना की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है.चौधरी का यह आरोप है कि शिकायत करने पर मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी ने तो कोई नोटिस लेते हैं और न कोई कार्रवाई ही करते हैं.

मजदूरों के बदले मशीन से कराया जा रहा है कार्य

सरकारी प्रावधानों के मुताबिक मनरेगा योजना में मशीनरी का उपयोग वर्जित है.लेकिन, केसरिया प्रखंड सहित बिजधरी पूर्वी सुंदरापुर पंचायत में सरकारी नियमों का उल्लघंन कर मजदूरों के बदले इस योजना में जेसीबी, डम्पर और ट्रैक्टर का उपयोग किया जा रहा है. मशीनरी का उपयोग होने से स्थानीय मजदूरों को रोजगार के लाले पड़ गए हैं.

योजनाओं का चयन नियमानुकूल नहीं, घटिया सामग्री का हो रहा प्रयोग

जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को भेजे गए आवेदन में चंदेश्वर चौधरी ने यह स्पष्ट किया है कि इस पंचायत में योजनाओं का चयन मनरेगा नियमावली के अनुसार नहीं किया जा रहा है. इस पंचायत में एक ही स्थान पर एक ही वित्तीय वर्ष में की योजनाएं ली गई है जो नियम विरुद्ध है. सामाजिक कार्यकर्ता श्री चौधरी ने मनरेगा योजना में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने जिलाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है ताकि भारत सरकार की इस अति महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारा जा सके और सरकारी राशि के बंदरबांट पर तत्काल प्रभाव से रोक लग सके.

कॉल रिसीव नहीं होने से पीओ का नहीं लिया जा सका पक्ष

सामाजिक कार्यकर्ता चंदेश्वर चौधरी द्वारा बिजधरी पूर्वी सुंदरापुर पंचायत में चल रहे मनरेगा की योजनाओं में लूट एवं भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पक्ष जानने के लिए प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी अमित नारायण को मोबाइल पर कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा.